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माइक्रोफाइनैंस सेक्टर पर बढ़ा दबाव: कर्जदाताओं की चूक दर दोगुनी, RBI की चेतावनी

कई कर्जदाताओं से कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ी, ज्यादा ब्याज वसूली पर RBI की सख्ती

Last Updated- December 30, 2024 | 11:12 PM IST
microfinance

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा है कि अप्रैल सितंबर के दौरान माइक्रोफाइनैंस सेक्टर पर दबाव बढ़कर दोगुना हो गया है। इनकी 31 से 180 दिन बकाये वाली संपत्तियां (डीपीडी) 2.15 प्रतिशत से बढ़कर 4.30 प्रतिशत हो गई हैं। इसके साथ ही उधार लेने वाले ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है, जिन्होंने कई कर्जदाताओं से कर्ज लिया है।

वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान माइक्रोफाइनैंस (एमएफआई) सेक्टर की दबाव वाली संपत्तियां, जिनके ऋण भुगतान में 31 से 180 दिन की देरी (डीपीडी) हुई है, बढ़कर सितंबर 2025 में 4.30 प्रतिशत हो गई हैं, जो मार्च 2024 में 2.15 प्रतिशत थीं।

रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कहा है कि माइक्रोफाइनैंस सेक्टर पर दबाव के संकेत दिख रहे हैं और सभी तरह के कर्जदाताओं और सभी आकार के कर्ज में चूक बढ़ रही है। इसके अलावा कई कर्जदाताओं से ज्यादा कर्ज लेने वाले कर्जदारों की संख्या भी लगातार उच्च बनी हुई है। चूक बढ़ने के बावजूद पिछले 3 साल के दौरान ऐसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिन्होंने 4 या इससे ज्यादा कर्जदाताओं से कर्ज लिया है।

रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि महामारी के बाद माइक्रोफाइनैंस क्षेत्र में ऋण में वृद्धि के बीच कुछ एनबीएफसी-एमएफआई और अन्य एनबीएफसी अत्यधिक उच्च ब्याज दर वसूलते पाए गए, जिसके परिणामस्वरूप अक्टूबर 2024 में पर्यवेक्षी कार्रवाई की गई।

First Published - December 30, 2024 | 11:12 PM IST

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