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नंदन नीलेकणी ने ‘फिनटरनेट’ को बताया भविष्य का वित्त, केंद्रीकृत और एकीकृत ढांचे पर जोर

यह केंद्रीयकृत, एकीकृत और वैश्विक आधारभूत ढांचे वाला होगा। एकीकृत का तात्पर्य यह है कि इसमें सभी संपत्तियां शामिल होंगी।

Last Updated- August 28, 2024 | 10:59 PM IST
Infosys Nandan Nilekani

इन्फोसिस के सहसंस्थापक व चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने वित्त मुहैया कराने की प्रणालियों का भविष्य ‘फिनटरनेट’ को करार दिया। उन्होंने भविष्य के वित्त की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। नीलेकणी के अनुसार फिनटरनेट की तीन प्रमुख विशेषताएं होंगी। यह केंद्रीयकृत, एकीकृत और वैश्विक आधारभूत ढांचे वाला होगा। एकीकृत का तात्पर्य यह है कि इसमें सभी संपत्तियां शामिल होंगी।

नीलेकणी ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) में कहा, ‘हमने वित्तीय पारिस्थितिकीतंत्र में जबरदस्त नवाचार देखा है। यह भारत और दुनियाभर में हो रहा है। हम यह यह देख रहे हैं कि वित्तीय प्रणालियां मांग को पूरा करने में अक्षम हैं। इसका कारण यह है कि इस्तेमाल करने वाले अधिक मांग और अधिक नियंत्रण की आवाज उठा रहे हैं।’

नई वित्तीय प्रणाली का मुख्य पहलू सभी तरह की संपत्तियों को एक आधारभूत ढांचे के तहत लाना है और इन्हें टोकन दिया जाएगा। सभी तरह की संपत्तियों के दायरे में भूमि, संपत्ति, बॉन्ड, वित्तीय निवेश, कला, पेंटिंग आदि होंगे। उन्होंने विस्तार से बताया, ‘यह सभी लोगों को हिस्सा लेने और सभी संपत्तियों पर नियंत्रण की अनुमति देता है।

हम यह चाहते हैं कि इसमें हरेक व्यक्ति हिस्सा ले और सभी तरह की संपत्तियों पर नियंत्रण करे। इस्तेमाल करने वालों के नियंत्रण में संपत्तियां, एनएफटी (नॉन फंजिबल टोकन्स), संशोधित संपत्तियां जिन्हें किसी ने प्रमाणित किया हो। इनमें पंजीकृत संपत्तियां जैसे भूमि या विनियमित संपत्तियां जैसे वित्तीय उत्पाद शामिल हों।’

इन्फोसिस के सहसंस्थापक ने कहा कि यह भविष्य में दूर नहीं होगा बल्कि यह बदलाव शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘यह कोई आर्किटेक्चर या कागज पर नहीं है। यह हकीकत में हो रहा है। दुनियाभर में कई लैब फिनटरनेट पर कार्य कर रही हैं।

हम दुनियाभर में इस बारे में बात कर रहे हैं और यह लागू भी किया जा रहा है। यह महत्वाकांक्षी विजन है। इसे चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा।’ इस बारे में नीलेकणी सहित प्रमोद वर्मा, सिद्धार्थ शेट्टी और अगस्टीन कार्स्टेंस और बीआईएस (बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट) के दल ने अप्रैल 2024 में श्वेतपत्र जारी किया था।

First Published - August 28, 2024 | 10:55 PM IST

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