केंद्र सरकार के पावर मंत्रालय के तहत महारत्न कंपनी आरईसी लिमिटेड (Rural Electrification Corporation Ltd.) ने मंगलवार को अलग-अलग अवधि के बॉन्ड के जरिए 2,195 करोड़ रुपये जुटाए। कंपनी ने 15 साल की अवधि वाले बॉन्ड पर 7.14% की कूपन दर (ब्याज दर) के साथ 575 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसके अलावा, कंपनी ने 10 साल और 4 महीने की अवधि वाले बॉन्ड पर 7.10% ब्याज दर के साथ 1,620 करोड़ रुपये जुटाए।
बॉन्ड इश्यू का लक्ष्य
REC का 15 साल के बॉन्ड के जरिए 2,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य था, जिसमें 500 करोड़ रुपये का बेस अमाउंट और 2,000 करोड़ रुपये का ग्रीनशू ऑप्शन शामिल था। इसी तरह, कंपनी 10 साल के बॉन्ड के जरिए 4,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती थी। इसमें 700 करोड़ रुपये का बेस इश्यू साइज और 3,300 करोड़ रुपये का ग्रीनशू ऑप्शन था।
क्यों नहीं जुटाई पूरी राशि?
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक 15 साल के बॉन्ड के लिए 7.12-7.13% की ब्याज दर की मांग कर रहे थे। इसलिए कंपनी ने केवल बेस अमाउंट तक ही रकम जुटाई। एक डीलर ने बताया, “ब्याज दर की उम्मीदें ज्यादा थीं, इसलिए कंपनी ने सीमित रकम उठाई।”
पिछला बॉन्ड इश्यू
पिछले महीने, नवंबर में REC ने 15 साल की अवधि के बॉन्ड के जरिए 3,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। उस समय ब्याज दर 7.09% थी। यह लंबे समय के बाद किसी AAA-रेटेड कंपनी का 10 साल से अधिक अवधि का बॉन्ड इश्यू था, जिसमें बीमा कंपनियों और पेंशन फंड जैसी संस्थाओं से मजबूत मांग दिखी थी।
नेशनल हाउसिंग बैंक का बॉन्ड इश्यू
REC के अलावा, नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने भी 82 महीने की अवधि वाले बॉन्ड के जरिए 3,900 करोड़ रुपये जुटाए। इसमें ब्याज दर 7.20% रही। NHB का लक्ष्य 4,000 करोड़ रुपये जुटाने का था जिसमें 1,000 करोड़ रुपये का बेस इश्यू और 3,000 करोड़ रुपये का ग्रीनशू ऑप्शन शामिल था।
बात करें बीते एक साल में REC के शेयर बाजार में प्रदर्शन की तो इसने 26 फीसदी का रिटर्न दिया है। आज यानी 17 दिसंबर को इसके शेयर 1.89 फीसदी गिरकर 549.20 पर बंद हुए।