जीवन बीमा कंपनियों का न्यू बिजनेस प्रीमियम (एनबीपी) फरवरी में 11.6 प्रतिशत घटा है। सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के तुलनात्मक रूप से कमजोर प्रदर्शन के कारण ऐसा हुआ है, जिसके प्रीमियम में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल के आंकड़ों से पता चलता है कि जीवन बीमा कंपनियों का एनबीपी फरवरी में 29,985.5 करोड़ रुपये रहा है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 33,913.18 करोड़ रुपये था। एलआईसी का प्रीमियम 22.02 प्रतिशत कम होकर 15,513.95 करोड़ रुपये रह गया है, जबकि निजी जीवन बीमा कंपनियों का एनबीपी 3.24 प्रतिशत बढ़कर 14,471.62 करोड़ रुपये हो गया है।
बीमा क्षेत्र के एक विश्लेषक ने कहा, ‘निजी जीवन बीमाकर्ताओं ने नए सरेंडर वैल्यू मानकों का फिर से समायोजन किया है। लेकिन एलआईसी का व्यक्तिगत गैर एकल प्रीमियम गिरा है और बेची गई पॉलिसियों की संख्या घटी है। इससे संकेत मिलता है कि एजेंटों के संशोधित कमीशन ढांचे से पॉसिलियों की बिक्री और प्रीमियम पर असर पड़ रहा है।’
एनबीपी वह प्रीमियम है, जो जीवन बीमा कंपनियां किसी खास साल में नई पॉलिसियों की बिक्री से इकट्ठा करती हैं। यह पहले साल के प्रीमियम और एकल प्रीमियम का योग होता है, जिससे नए बिजनेस से मिले कुल प्रीमियम का पता चलता है। निजी क्षेत्र की बड़ी जीवन बीमा कंपनियों में एसबीआई लाइफ का प्रीमियम सालाना आधार पर 18 प्रतिशत कम हुआ है। वहीं अन्य निजी कंपनियों ने मजबूत वृद्धि दर्ज की है।
एचडीएफसी लाइफ का एनबीपी 23.5 प्रतिशत, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम 5.3 प्रतिशत, बजाज आलियांज लाइफ का प्रीमियम 2.88 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं ऐक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम 5.9 प्रतिशत घटा है।
वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल-फरवरी के दौरान जीवन बीमा कंपनियों का प्रीमियम सालाना आधार पर 5.71 प्रतिशत बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया है। एलआईसी का प्रीमियम 1.90 प्रतिशत बढ़कर 1.90 लाख करोड़ रुपये जबकि निजी बीमाकर्ताओं का प्रीमियम सालाना आधार पर 11.11 प्रतिशत बढ़कर 1.46 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
इस अवधि के दौरान उद्योग द्वारा बेची गई पॉलिसियों की संख्या में सालाना आधार पर 4.77 प्रतिशत की कमी आई है और यह घटकर 226 लाख रह गई हैं।
एलआईसी द्वारा बेची गई पॉलिसियों की संख्या 10.15 प्रतिशत गिरकर 146.7 लाख रह गई है, जबकि निजी बीमाकर्ताओं की पॉलिसी बिक्री 6.9 प्रतिशत बढ़कर 79.9 लाख हो गई है।