facebookmetapixel
सेबी ने IPO नियमों में ढील दी, स्टार्टअप फाउंडर्स को ESOPs रखने की मिली मंजूरीNepal GenZ protests: नेपाल में क्यों भड़का प्रोटेस्ट? जानिए पूरा मामलाPhonePe का नया धमाका! अब Mutual Funds पर मिलेगा 10 मिनट में ₹2 करोड़ तक का लोनभारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरेंNepal GenZ protests: पीएम ओली का इस्तीफा, एयर इंडिया-इंडिगो ने उड़ानें रद्द कीं; भारतीयों को नेपाल न जाने की सलाह

बीमा कंपनियों के GST ऑडिट की हो रही तैयारी, कारोबारी तरीकों की होगी गहराई से जांच

बिक्री के आंकड़े, चुकाए गए कर, रिफंड के दावे और इनपुट टैक्स क्रेडिट के सत्यापन के लिए जीएसटी ऑडिट चल रहे हैं

Last Updated- June 22, 2023 | 10:39 PM IST
SBI report on GST Rate Cuts

बीमा कंपनियों को जल्द ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ऑडिट से गुजरना पड़ सकता है। कर अधिकारी इन कंपनियों के कारोबारी तौर-तरीकों की गहराई से जांच करना चाहते हैं। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि वे कर में अनियमितता तो नहीं बरत रहीं।

कई कंपनियों पर फर्जी बिल दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेने के आरोप हैं। आरोप है कि इन कंपनियों ने वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति किए बिना ही अपने मध्यस्थों एवं अन्य तंत्रों का इस्तेमाल कर फर्जी बिल बनाए थे। कर अधिकारी इसमें संलिप्त कंपनियों की जांच कर रहे हैं।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम बीमा कंपनियों के समूचे कारोबार की गहराई से जांच कर रहे हैं और देखना चाहते हैं कि कमीशन के अलावा कर का कोई झोल तो नहीं है। कमीशन के मामलों की जांच पहले ही चल रही है।’

उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच में देखा जा रहा है कि नियामकीय कायदों से बचते हुए कैसे कमीशन भुगतान व्यवस्था का दुरुपयोग किया जा रहा है। अधिकारी के अनुसार कारोबारी तरीकों को समझने और कर संबंधी अनियमितता की आशंका जांचने के लिए ऑडिट जरूरी है।

बिक्री के आंकड़े, चुकाए गए कर, रिफंड के दावे और इनपुट टैक्स क्रेडिट के सत्यापन के लिए जीएसटी ऑडिट चल रहे हैं। इसके लिए कर अधिकारी कर रिटर्न और दूसरा रिकॉर्ड देख रहे हैं। अगर ब्योरों में किसी तरह का अंतर अनियमितता का संकेत होता है। अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी ऑडिट के दौरान कंपनियों से मिली जानकारी की सत्यता जांचने के लिए हम उनके वित्तीय आंकड़ों और आयकर आंकड़ों की जांच करते हैं।’

Also read: अमेरिकी कंपनी भारत में बनाएगी फाइटर जेट, GE एयरोस्पेस ने किया HAL के साथ करार

वित्त वर्ष 2023 में विभाग ने जीएसटी ऑडिट काफी तेज कर दिया था। तब तक कारोबारों को नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के साथ तालमेल बिठाने के लिए काफी समय मिल चुका था। जीएसटी व्यवस्था 2017 में लागू हुई थी।

सीबीआईसी के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कुछ दिन पहले बिज़नेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में 50,000 से अधिक मामले ऑडिट के लिए छांटे गए थे। डेलॉयट में पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) एम एस मणि ने कहा, ‘पिछले एक वर्ष में बीमा कारोबार की लंबी जांच हुई है। उन्हें उम्मीद होगी कि उनकी या उनके साझेदारों की फौरन गहरी जांच नहीं होगी और जो आंकड़े दे दिए हैं, उन्हें ही जांचा जाएगा।’

Also read: वित्त मंत्रालय ने NPS में बदलाव की खबरों का किया खंडन, कमेटी के निर्णय के बाद होगा फैसला

जीएसटी खुफिया महानिदेशालय फर्जी बिल दिखाने और अवैध तरीके से इनपुट कर क्रेडिट का दावा करने वाली 15 बीमा कंपनियों एवं उनके मध्यस्थों की जांच कर रहा है। अब तक सभी बीमा कंपनियों और संबंधित मध्यस्थों के बयान दर्ज किए गए हैं और उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है।

अधिकारियों ने दावा किया है कि इन इकाइयों ने मार्केटिंग सेवाओं की आड़ में कर क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए सांठगांठ कर रखी थी। इन सभी से जुड़े फर्जी बिल भी तैयार किए गए थे।

First Published - June 22, 2023 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट