facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

IndusInd Bank की ऑडिटर रिपोर्ट की होगी जांच, ICAI ने FY24 और FY25 के फाइनेंशियल स्टेटमेंट की होगी गहन समीक्षा

इंडसइंड बैंक ने 10 मार्च को डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित अपने अकाउंट बैलेंस में कुछ गड़बड़ियों का खुलासा किया था।

Last Updated- May 29, 2025 | 10:06 PM IST
IndusInd Bank

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने इंडसइंड बैंक के वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 के वित्तीय स्टेटमेंट और ऑडिटर रिपोर्ट की समीक्षा करने का फैसला किया है। आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी। नंदा ने कहा, ‘यह निर्णय लिया गया है कि हमारा ‘फाइनैं​शियल रिपोर्टिंग ऐंड रिव्यू बोर्ड’ बैंक की पिछले दो वित्त वर्षों की ऑडिटर रिपोर्टों तथा वित्तीय विवरणों की समीक्षा करेगा।’

इंडसइंड बैंक ने 10 मार्च को डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित अपने अकाउंट बैलेंस में कुछ गड़बड़ियों का खुलासा किया था। बैंक ने कहा कि उसकी विस्तृत आंतरिक समीक्षा ने दिसंबर 2024 तक उसकी नेटवर्थ पर लगभग 2.35 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान लगाया है।

ALSO READ: IndusInd Bank crisis: सेबी की कार्रवाई जारी, देरी से खुलासे पर भी आ सकता है आदेश

उनकी सालाना रिपोर्ट के अनुसार एम एस के ए ऐंड एसोसिएट्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और एम पी चिताले ऐंड कंपनी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए इंडसइंड बैंक के जॉइंट सेंट्रल स्टेट्यूटरी ऑडिटर थे। गुरुवार को हुई आईसीएआई बोर्ड की 148वीं बैठक में इस मामले पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया।

एफआरआरबी के पास चुनिंदा उद्यमों के जनरल-पर्पज फाइनैंशियल स्टेटमेंट (जीपीएफएस) की समीक्षा करने के लिए एक व्यापक तीन-स्तरीय समीक्षा प्रक्रिया है। वित्तीय रिपोर्टिंग प्रणालियों को मजबूत बनाने तथा ऑडिट गुणवत्ता सुधारने के मकसद से जुलाई 2002 में इस बोर्ड का गठन किया गया था। इसकी समीक्षा से आम तौर पर स्वीकृत लेखा सिद्धांतों, खुलासा शर्तों और अन्य रिपोर्टिंग जरूरतों के अनुपालन का निर्धारण होगा।

यदि एफआरआरबी को वित्तीय स्टेटमेंट के सही और उचित दृष्टिकोण को प्रभावित करने वाली कोई समस्या दिखी तो वह आगे की जांच के लिए मामले को आईसीएआई के डायरेक्टर (डिसिप्लीन) को भेजेगा।

इंडसइंड बैंक के अलावा, आईसीएआई का बोर्ड जेनसोल इंजीनियरिंग और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की वित्त वर्ष 2023-24 की ऑडिटर रिपोर्ट और वित्तीय विवरणों की भी जांच कर रहा है।

पिछले सप्ताह सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि जहां भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इंडसइंड मामले की जांच कर रहा था, वहीं बाजार नियामक यह पता लगा रहा था कि क्या किसी के द्वारा कोई ‘घोर उल्लंघन’ (एग्रीजियस वायलेशंस) तो नहीं किया गया है।

पिछले दो वर्षों में डेरिवेटिव सौदों की गलत पहचान के कारण बैंक की नेटवर्थ को संभावित नुकसान के बारे में खुलासा होने के बाद का समय इंडसइंड बैंक के लिए उथल-पुथल भरा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मार्च में बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 1,979 करोड़ रुपये की लेखा चूक की सूचना दी थी। इसके बाद बैंक की आंतरिक ऑडिट समीक्षा में पाया गया कि सूक्ष्म-वित्त व्यवसाय से ब्याज के रूप में मिले 674 करोड़ रुपये गलत तरीके से दर्ज किए गए थे।

First Published - May 29, 2025 | 9:50 PM IST

संबंधित पोस्ट