इस साल सितंबर में स्मार्टफोन निर्यात ने नया रिकॉर्ड बनाया और निर्यात 1.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसमें 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो स्मार्टफोन निर्यात में किसी एक महीने में अब तक की सबसे बड़ी उछाल है। साल 2024 के इसी महीने में यह राशि 92.3 करोड़ डॉलर थी। दरअसल इस साल सितंबर में न केवल पिछले साल के इसी महीने की तुलना में, बल्कि पिछले तीन वर्षों की तुलना में भी उछाल देखी गई। तब भारत ने साल 2022-23 (वित्त वर्ष 23) से हर साल औसतन लगभग 90 करोड़ डॉलर का निर्यात किया था।
साल 2020 में सरकार के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लागू किए जाने के बाद से भारत के स्मार्टफोन निर्यात में तेजी आई है। उद्योग और वाणिज्य विभाग के आंकड़ों को संयुक्त रूप से देखें तो वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही के दौरान स्मार्टफोन निर्यात वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के 8.4 अरब डॉलर की तुलना में 60 प्रतिशत बढ़कर 13.5 अरब डॉलर हो गया। ऐपल के आईफोन निर्यात ने 10 अरब डॉलर से अधिक का योगदान दिया, जो वित्त वर्ष 26 के कुल स्मार्टफोन निर्यात का 75 प्रतिशत है।
ऐपल के दो प्रमुख विक्रेताओं – फॉक्सकॉन और टाटा ने बराबर योगदान दिया यानी इस दौरान कुल स्मार्टफोन निर्यात तहत लगभग 5 अरब डॉलर का। फॉक्सकॉन और टाटा दोनों ही मार्च 2026 में समाप्त होने वाली पीएलआई योजना में शामिल हैं। फॉक्सकॉन अब भारत में दो आईफोन कारखाने संचालित करती है जबकि टाटा तीन। इनमें होसुर का नवीनतम कारखाना भी शामिल है। यहां इस साल अप्रैल में आईफोन का उत्पादन शुरू हुआ था। तुलनात्मक रूप से देखें तो सैमसंग, जिसकी पीएलआई योजना मार्च 2025 में समाप्त हो गई, के निर्यात में 17 प्रतिशत की गिरावट आई, जो वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के 2.5 अरब डॉलर से घटकर वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में 2.1 अरब डॉलर रह गया।
स्मार्टफोन निर्यात के बल पर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही के दौरान अब तक के सर्वाधिक स्तर 22.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के 15.6 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात के मुकाबले 42 प्रतिशत की वृद्धि है। अब भारत से कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में स्मार्टफोन की 61 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भारत के शीर्ष 30 निर्यातों में सबसे तेजी से बढ़ रहा है।
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भारत ने अमेरिका को अपने आईफोन निर्यात में खासा इजाफा किया है। क्षमता विस्तार में नए निवेश से इसका स्पष्ट संकेत मिलता है कि ऐपल इंक भारतीय बाजार में आईफोन असेंबली में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर विचार कर रही है। स्मार्टफोन के मौजूदा रुझानों को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कहना है कि भारत वित्त वर्ष 26 में 25 अरब डॉलर से 30 अरब डॉलर तक के स्मार्टफोन निर्यात तक पहुंचने की राह पर बेहतर ढंग से बढ़ रहा है जबकि वित्त वर्ष 25 में यह 24 अरब डॉलर था।