भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में पांच स्थान की गिरावट दर्ज की गई है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत अब 85वें स्थान पर है। इससे पहले यह 80वें स्थान पर था। इस रैंकिंग के अनुसार, भारतीय पासपोर्ट होल्डर बिना वीज़ा के सिर्फ 57 देशों की यात्रा कर सकते हैं। भारत इस रैंक को इक्वेटोरियल गिनी और नाइजर के साथ शेयर कर रहा है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स दुनिया के 199 पासपोर्ट्स की रैंकिंग करता है। यह रैंकिंग इस बात पर आधारित है कि पासपोर्ट होल्डर बिना वीज़ा के कितने देशों (कुल 227 में से) की यात्रा कर सकते हैं। यह 19 साल पुराना इंडेक्स अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आधिकारिक और विशिष्ट आंकड़ों पर आधारित है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की ताज़ा रैंकिंग में, प्रत्येक पासपोर्ट के लिए वीजा रिक्वायर्ड और वीजा फ्री डेस्टिनेशन के बीच स्पष्ट अंतर किया गया है। इस विशिष्ट और ऐतिहासिक रूप से स्थापित पद्धति के अनुसार, वीजा फ्री डेस्टिनेशन के लिए 1 अंक और वीजा रिक्वायर्ड डेस्टिनेशन के लिए 0 अंक निर्धारित किए जाते हैं। इस प्रकार, पासपोर्ट की शक्ति का आकलन किया जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा में उसकी स्वतंत्रता को दर्शाता है।
वीज़ा-फ्री ट्रैवल के बारे में
वीजा-मुक्त यात्रा का अर्थ है कि किसी देश के नागरिक बिना पूर्व वीजा प्राप्त किए अन्य देशों की यात्रा कर सकते हैं। यह सुविधा आमतौर पर देशों के बीच द्विपक्षीय समझौतों या एकतरफा वीजा नीतियों के माध्यम से प्रदान की जाती है, जिसका उद्देश्य पर्यटन, व्यापार और कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा देना होता है।
हालांकि, वीज़ा-फ्री ट्रैवल के लिए कुछ शर्तें होती हैं, जैसे यात्रा की अवधि की सीमा (उदाहरण के लिए, अधिकतम 90 दिन) और कुछ आवश्यक दस्तावेज, जैसे वैध पासपोर्ट, पर्याप्त धनराशि का प्रमाण और आगे की यात्रा की योजना।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, यदि किसी डेस्टीनेशन पर आगमन पर वीजा (वीज़ा ऑन अराइवल) या इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी (ETA) की सुविधा उपलब्ध है, तो उसे भी वीजा-फ्री यात्रा की श्रेणी में माना जाता है।
भारत के संदर्भ में, हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2024 में भारतीय पासपोर्ट को 80वां स्थान प्राप्त हुआ है, जो 62 देशों में वीजा-मुक्त या वीजा-ऑन-अराइवल की सुविधा प्रदान करता है।
हाल ही में, रूस ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा की योजना की घोषणा की है, जो मार्च 2025 तक लागू होने की उम्मीद है।
यह कदम दोनों देशों के बीच पर्यटन और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
इसी प्रकार, श्रीलंका ने 1 अक्टूबर 2024 से भारतीय नागरिकों के लिए 180 दिनों की अवधि के लिए वीज़ा-फ्री ट्रैवल की सुविधा शुरू की है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं।
वीजा-फ्री यात्रा से यात्रियों को वीजा आवेदन की जटिलताओं से मुक्ति मिलती है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय यात्रा सरल और सुगम हो जाती है।
हालांकि, यात्रा से पूर्व संबंधित देश की वीजा नीतियों और आवश्यकताओं की जानकारी अवश्य लेनी चाहिए, ताकि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो।
वीज़ा ऑन अराइवल (VOA): यात्रा में नई सहूलियत
विदेश यात्रा के दौरान वीज़ा संबंधी प्रक्रियाएं अक्सर जटिल और समय लेने वाली होती हैं। हालांकि, वीज़ा ऑन अराइवल (VOA) ने इस प्रक्रिया को सरल बना दिया है। VOA एक ऐसी सुविधा है, जिसमें यात्री गंतव्य देश में पहुंचने पर ही वीज़ा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे पूर्व-स्वीकृति या दूतावास की लंबी प्रक्रियाओं की आवश्यकता नहीं होती।
VOA क्यों माना जाता है वीज़ा-मुक्त?
VOA तकनीकी रूप से वीज़ा है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यात्री बिना पूर्व वीज़ा के यात्रा कर सकते हैं। गंतव्य पर पहुंचकर केवल एक फॉर्म भरना और शुल्क का भुगतान करना होता है। इस सरलता के कारण Henley Passport Index में इसे वीज़ा-मुक्त यात्रा के समान दर्जा दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉरिटी (ETA): डिजिटल युग की वीज़ा सुविधा
ETA एक डिजिटल प्रणाली है, जो उन यात्रियों के लिए है जिन्हें वीज़ा-मुक्त प्रवेश की अनुमति है, लेकिन यात्रा से पहले ऑनलाइन पूर्व-स्वीकृति आवश्यक होती है। यह प्रणाली गंतव्य देश को यात्रियों की पूर्व-जांच का अवसर देती है, जिससे सुरक्षा और प्रबंधन में सहायता मिलती है।
ETA क्यों माना जाता है वीज़ा-मुक्त?
ETA वीज़ा नहीं है, बल्कि एक पूर्व-स्वीकृति प्रणाली है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन और स्वचालित होती है, जिससे यात्रियों को दूतावास जाने की आवश्यकता नहीं होती। इस सरलता और डिजिटल प्रक्रिया के कारण Henley Passport Index में इसे भी वीज़ा-मुक्त यात्रा के समान दर्जा प्राप्त है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, यदि किसी यात्री को यात्रा से पूर्व वीज़ा प्राप्त करना आवश्यक होता है, तो उस गंतव्य को वीज़ा-मुक्त नहीं माना जाता। इस श्रेणी में दो प्रमुख प्रकार के वीज़ा शामिल हैं: पारंपरिक वीज़ा और इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा (ई-वीज़ा)।
पारंपरिक वीज़ा:
यह एक आधिकारिक दस्तावेज़ होता है, जो किसी देश के दूतावास या वाणिज्य दूतावास द्वारा जारी किया जाता है। आमतौर पर इसे यात्री के पासपोर्ट में स्टाम्प या स्टिकर के रूप में लगाया जाता है। यह वीज़ा धारक को निर्धारित अवधि के लिए उस देश में प्रवेश, ठहराव या पारगमन की अनुमति देता है। पारंपरिक वीज़ा प्राप्त करने की प्रक्रिया में आवेदन, सहायक दस्तावेजों का प्रस्तुतिकरण, कभी-कभी साक्षात्कार, और शुल्क का भुगतान शामिल होता है। प्रसंस्करण समय वीज़ा के प्रकार, आवेदक की राष्ट्रीयता, और जारी करने वाले देश की नीतियों के आधार पर भिन्न हो सकता है।
प्रमुख विशेषताएं:
– भौतिक स्वरूप: यह वीज़ा आमतौर पर पासपोर्ट में चिपकाया या मुद्रित स्टिकर या स्टाम्प के रूप में होता है, जिसमें कभी-कभी आवेदक की फोटो या फिंगरप्रिंट जैसी बायोमेट्रिक जानकारी भी शामिल होती है।
– उच्च शुल्क और लंबा प्रसंस्करण समय: पारंपरिक वीज़ा के लिए आवेदन शुल्क अधिक हो सकता है, और प्रसंस्करण में अधिक समय लग सकता है, विशेषकर डिजिटल वीज़ा की तुलना में।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में, वीज़ा-फ्री यात्रा उन गंतव्यों को दर्शाती है जहां यात्री बिना पूर्व वीज़ा के प्रवेश कर सकते हैं, या आगमन पर वीज़ा (वीज़ा-ऑन-अराइवल) या स्वचालित रूप से स्वीकृत इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (ETA) प्राप्त कर सकते हैं। यदि किसी गंतव्य के लिए पूर्व-प्रस्थान वीज़ा आवश्यक है, तो उसे वीज़ा-मुक्त नहीं माना जाता।
e-Visa: डिजिटल सुविधा, लेकिन ‘वीजा-मुक्त’ नहीं
आजकल अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में ई-वीजा का प्रचलन बढ़ रहा है। यह पारंपरिक वीजा का डिजिटल संस्करण है, जिसे ऑनलाइन आवेदन और प्राप्त किया जा सकता है। इससे दूतावास जाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे प्रक्रिया सरल हो जाती है।
ई-वीजा प्राप्त करने के लिए आवेदक को ऑनलाइन फॉर्म भरना, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना और शुल्क का भुगतान करना होता है। स्वीकृति के बाद, ई-वीजा ईमेल के माध्यम से भेजा जाता है, जिसे यात्रा के दौरान प्रस्तुत करना आवश्यक होता है।
हालांकि, ई-वीजा और वीजा-मुक्त यात्रा में अंतर है। ई-वीजा एक वास्तविक वीजा है, जो यात्रा से पूर्व स्वीकृति की मांग करता है। दूसरी ओर, वीजा-मुक्त यात्रा में यात्री को पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती; वे सीधे गंतव्य देश में प्रवेश कर सकते हैं।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, जिन देशों में वीजा या ई-वीजा की आवश्यकता होती है, उन्हें ‘वीजा आवश्यक’ श्रेणी में रखा जाता है, और ऐसे मामलों में पासपोर्ट को 0 का स्कोर मिलता है। इसलिए, ई-वीजा की सुविधा होने के बावजूद, यह वीजा-मुक्त यात्रा के समान नहीं माना जाता।