शादी के सीजन में अच्छी मांग होने के बावजूद ज्वेलरी इंडस्ट्री में बिकने वाली ज्वेलरी की मात्रा में तेज गिरावट देखी जा रही है। ब्रोकरेज फर्म पीएल कैपिटल के अनुसार, ज्वेलरी वॉल्यूम में 30 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी है। बीते एक साल में सोने के दाम 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुके हैं, जिससे आम ग्राहकों पर सीधा असर पड़ा है।
सोने के दाम बढ़ने के कारण ग्राहक अब खरीदारी का तरीका बदल रहे हैं। लोग भारी और ज्यादा वजन वाली ज्वेलरी की जगह हल्की ज्वेलरी को तरजीह दे रहे हैं। इसके साथ ही 22 कैरेट की बजाय 18 कैरेट और 14 कैरेट सोने की मांग बढ़ रही है, खासकर रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली ज्वेलरी में। हालांकि ग्राहक कम सोना खरीद रहे हैं, लेकिन कुल खर्च लगभग पहले जैसा ही बना हुआ है।
पीएल कैपिटल ने टाइटन पर अपनी ‘बाय’ रेटिंग को बरकरार रखा है और इसका टारगेट प्राइस 4,397 रुपये तय किया है। ब्रोकरेज का मानना है कि टाइटन का ज्वेलरी मार्जिन अब सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है और आगे इसमें सुधार देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 से 2028 के बीच कंपनी की बिक्री और मुनाफे में अच्छी बढ़त रहने की उम्मीद है।
टाइटन अब टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपने स्टोर्स तेजी से बढ़ा रही है। महंगे सोने की वजह से छोटे और स्थानीय ज्वेलर्स दबाव में हैं, जिससे बड़ी और संगठित कंपनियों को बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका मिल रहा है। पीएल कैपिटल का मानना है कि इसका सीधा फायदा टाइटन जैसी कंपनियों को मिलेगा।
पीएल कैपिटल के मुताबिक वित्त वर्ष 2026 के दूसरे हिस्से में ज्वेलरी की मांग में तेजी आने की उम्मीद है। इस दौरान शादियों की संख्या बढ़ने का अनुमान है, जिससे कुल बिक्री मूल्य में अच्छा इजाफा हो सकता है। भले ही शुभ मुहूर्त की तारीखें थोड़ी कम हों, लेकिन कुल शादियों की संख्या ज्यादा रहने से बाजार को सहारा मिलेगा।
जहां ज्वेलरी की मात्रा में गिरावट देखी जा रही है, वहीं सोने के सिक्कों की मांग मजबूत बनी हुई है। निवेश के तौर पर लोग सोने के सिक्के खरीदना पसंद कर रहे हैं। ब्रोकरेज के अनुसार, आने वाले समय में सिक्कों की बिक्री में अच्छी बढ़त देखने को मिल सकती है।
सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों ने छोटे और असंगठित ज्वेलर्स की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बढ़ी हुई लागत के कारण उनका मुनाफा घट रहा है और नकदी की कमी भी सामने आ रही है। ऐसे में वे न तो ज्यादा स्टॉक रख पा रहे हैं और न ही नए डिजाइन पेश कर पा रहे हैं।
इन हालातों में ग्राहक अब ज्यादा भरोसेमंद और बड़े ब्रांड्स की ओर रुख कर रहे हैं। पीएल कैपिटल का मानना है कि इससे ज्वेलरी सेक्टर में बाजार हिस्सेदारी बड़े और संगठित खिलाड़ियों के पक्ष में और मजबूत होगी।