facebookmetapixel
उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

India-Pakistan tension: बैंकिंग सेवाओं में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए- सीतारमण

सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों और बीमा कंपनियों के साथ की उच्च स्तरीय बैठक, साइबर सुरक्षा और सेवा निरंतरता पर दिए कड़े निर्देश

Last Updated- May 09, 2025 | 10:39 PM IST
Nirmala Sitharaman
PIB

सीमा क्षेत्रों में उभरती सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों तथा बीमा कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और सीईओ के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में बैंकिंग क्षेत्र की ऑपरेशनल और साइबर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की गई, जिसमें इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई जैसे डिजिटल माध्यमों की स्थिति पर भी चर्चा हुई।

बैठक में वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI), सर्ट-इन (CERT-In) और राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

बैंकिंग सेवाओं में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए: सीतारमण

बैठक में वित्त मंत्री ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि बैंकों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशभर में, खासकर सीमा क्षेत्रों में, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए कि बैंक कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए, विशेषकर उन शाखाओं में जो सीमावर्ती इलाकों में स्थित हैं। इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय बनाए रखने को कहा गया है।

साइबर हमलों से निपटने की तैयारी

बैठक में बैंक अधिकारियों ने बताया कि पूरे बैंकिंग नेटवर्क में साइबर सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ किया गया है। कई बैंकों ने एंटी-डीडीओएस (Distributed Denial-of-Service) प्रणाली लागू की है ताकि बड़े साइबर हमलों से निपटा जा सके। इसके अलावा मॉक ड्रिल, डिजास्टर रिकवरी अभ्यास, और फिशिंग प्रयासों की निगरानी जैसे उपाय भी किए जा रहे हैं।

सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर्स (SOC) और नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर्स पूरी तरह सक्रिय हैं और CERT-In और NCIIPC के साथ समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं।

डिजिटल और नकद सेवाओं की उपलब्धता पर जोर

वित्त मंत्री ने कहा कि एटीएम में नकदी की उपलब्धता, यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग की निर्बाध सेवा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बैंकों को दो वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी — एक साइबर मामलों की रिपोर्टिंग के लिए और दूसरा ऑपरेशनल सेवाओं की निगरानी के लिए। ये अधिकारी CERT-In और DFS को रीयल-टाइम में रिपोर्ट करेंगे।

बीमा कंपनियों को दिए निर्देश

बैठक में बीमा कंपनियों को निर्देश दिए गए कि वे दावों का समय पर निपटान करें और ग्राहकों को बिना रुकावट सेवा दें। इसके साथ ही स्पॉन्सर बैंक यह सुनिश्चित करें कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs) को पर्याप्त सहयोग मिले और किसी समस्या की स्थिति में उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया जाए।

अंत में, वित्त मंत्री ने दोहराया कि भारत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और देश की बैंकिंग एवं वित्तीय प्रणाली मजबूत और लचीली बनी हुई है।

दो मई को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 686.06 अरब डॉलर 

India-Pak tension: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी की चेतावनी- ‘जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई’

First Published - May 9, 2025 | 9:16 PM IST

संबंधित पोस्ट