एचडीएफसी बैंक ने अपने कर्मचारियों को 1500 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि (एक्स ग्रेशिया) देने का फैसला किया है। देश के सबसे बड़े निजी बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी शशिधर जगदीशन ने बताया कि बैंक ने कर्मचारियों को यह राशि देकर विलय के बाद की स्थितियों में अधिक कार्य करने के लिए एक तरह से धन्यवाद दिया है।
ऋणदाता ने शनिवार को जनवरी – मार्च के शुद्ध लाभ में 37.1 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की। शिक्षा ऋण मुहैया कराने वाली एचडीएफसी क्रेडिला में बहुल हिस्सेदारी बेचने के कारण एचडीएफसी बैंक को एकमुश्त लाभ मिला है। इसी समय में बैंक ने 10,900 करोड़ रुपये का फ्लोटिंग प्रावधान किया। इससे हिस्सेदारी बिक्री से हुए लाभ का प्रभाव शून्य हो गया।
जगदीशन ने एनालिस्ट कॉल में बताया, ‘विलय व फिर बड़े बही खाते और प्रणाली में नकदी की जटिल व मुश्किल स्थिति के कारण निर्धारित समय में कड़ा परिश्रम किया गया। मेरे विचार से टीम ने नए मानदंडों के अनुसार अपने को ढालने के लिए जबरदस्त ढंग से काम किया। टीम को जमीनी स्तर पर सभी मोर्चों से दबाव पड़ने पर कठोर परिश्रम करना पड़ा।’
उन्होंने बताया, ‘बीते कुछ वर्षों के दौरान नौकरी छोड़ने में भी इजाफा हुआ। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि हमारा बड़ा जमीनी कार्यबल, जो हमारी कुल कार्यबल का 90 फीसदी है, प्रेरित हो और यह उन्हें धन्यवाद कहने का एक तरीका है।’
जगदीशन ने स्पष्ट किया कि इस तरह के खर्च हमेशा नहीं होते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने एक बार एक्स-ग्रेशिया दिया है। ऐसा क्यों नहीं हो, हमें एकमुश्त लाभ मिला है और ऐसी राशि एक बार मुहैया करवाना युवा श्रमबल को प्रोत्साहित करने का अच्छा तरीका है।’
इस ऋणदाता का तीसरी तिमाही में खराब प्रदर्शन रहा और बैंक को निवेशकों की तरफ से दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। हालांकि बैंक का चौथी तिमाही में अच्छा प्रदर्शन रहा। बैंक ने जनवरी-मार्च की अवधि में 1.16 लाख करोड़ रुपये जमा जुटाए जबकि खुदरा जमा 1.29 लाख करोड़ रुपये था। इसका परिणाम यह हुआ कि बैंक ने चौथी तिमाही में मार्केट शेयर में बढ़त हासिल की।
जगदीशन ने कहा, ‘हमारे प्रसिद्ध -आप इसे कुख्यात कह सकते हैं -तीसरी तिमाही के परिणाम पर हमें आप में से कई लोगों से बहुत सारी प्रतिक्रिया मिली है। पूरी विनम्रता के साथ, हमने कई फीडबैक को शामिल किया है। ’
उन्होंने बताया कि जनवरी-मार्च की अवधि में जमा पारंपरिक रूप से उच्च स्तर पर थे और इस अवधि के दौरान धन का कुछ प्रवाह अप्रत्याशित व अस्थायी था। उन्होंने बताया, ‘चौथी तिमाही में धन जुटाना बेहतर रहा। मुझे आपको यह स्पष्ट रूप से बता देना चाहिए कि कुछ प्रवाह अस्थायी रही और यह अनुमान से कहीं अधिक था। इसका खुदरा वृद्धि से समायोजन बेहतर रहा।’
जगदीशन ने कहा, ‘क्या मैं इस तरह की गति को बना रख पाऊंगा? यदि हम छह वर्ष की दीर्घावधि का औसत लें तो कुल जमा में खास अनुपात रहा है। पहली तिमाही में संभवत: सबसे कम राशि जमा होती है… यही अनुपात दूसरी व तीसरी तिमाही में रहता है। इसका सबसे बड़ा अनुपात चौथी तिमाही में आता है।’
उन्होंने बताया कि बैंक को जमा राशि के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए ग्राहक सेवा को बेहतर करना है। उन्होंने कहा, ‘निरंतर ढंग से आने बढ़ने की कुंजी ग्राहक से सहभागिता बढ़ाना और ग्राहकों को सेवा मुहैया कराने की संस्कृति है।’