सरकार ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बाजार से 6.61 लाख करोड़ रुपये उधारी लेने की अपनी योजना की घोषणा की है। यह बाजार से 14.01 लाख करोड़ रुपये कुल उधारी के लक्ष्य का करीब 47 प्रतिशत और बाजार की उम्मीद के अनुरूप है। इसमें 20,000 करोड़ रुपये का सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड जारी किया जाना शामिल है। 6.61 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी 21 साप्ताहिक नीलामियों के माध्यम से पूरी की जाएगी।
भारत सरकार की प्रतिभूतियों को जारी करने के कैलेंडर जारी करते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा है कि बाजार उधारी 3, 5, 7, 10, 15,30, 40 और 50 साल की सिक्योरिटीज में होगी।
सॉवरिन ग्रीन बॉन्डों सहित विभिन्न परिपक्वता वाली उधारी 3 साल (5.3 प्रतिशत), 5 साल (10.6 प्रतिशत), 7 साल (7.6 प्रतिशत) , 10 साल (24.8 प्रतिशत), 15 साल (13.2 प्रतिशत), 30 साल (12.1 प्रतिशत), 40 साल (15.9 प्रतिशत) और 50 साल (10.6 प्रतिशत) की होगी।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि ऋण मुक्ति प्रोफाइल को सुचारु करने के लिए सरकार सिक्योरिटीज की पुनर्खरीद या स्विचिंग करेगी।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘राजस्व के अनुकूल परिदृश्य और महत्त्वाकांक्षी पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को देखते हुए इक्रा का अनुमान है कि सरकार का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2025 के 16.1 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 4.9 प्रतिशत के बराबर या इससे कुछ कम रहेगा।’
नायर ने कहा कि बाजार उधारी वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही के लिए घोषित राशि से अधिक होने की संभावना नहीं दिख रही है।
बॉन्ड बाजार के हिस्सेदारों ने कहा कि उधारी कैलेंडर बजट की राशि के अनुरूप है, जिसमें विभिन्न अवधियों में वितरण में केवल मामूली समायोजन किया गया है।
पहली छमाही में सुस्त मांग के बावजूद सरकार सॉवरिन ग्रीन बॉन्डों से 20,000 करोड़ रुपये जुटाएगी।
पीएनबी गिल्ट्स के एमडी और सीईओ विकास गोयल ने कहा, ‘उधारी बजट की राशि है, क्योंकि उन्होंने पहली छमाही में 10,000 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड इश्युएंस रद्द कर दिया था। कम अवधि के बजाय ज्यादा अवधि के बॉन्ड से ज्यादा उधारी की योजना बनाई गई है। कम अवधि के बॉन्डों की कम आपूर्ति के कारण उसका यील्ड ऊपर जाएगा।’
एक प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘बाजार आपूर्ति में किसी कटौती की उम्मीद नहीं कर रहा था, लेकिन पुनर्वितरण की उम्मीद की जा रही थी, जिसकी वजह से यील्ड घटा है।’