ब्रिटेन की कई फिनटेक भारतीय बाजार में प्रवेश कर रही हैं। भारत के रियल टाइम पेमेंट्स प्लेटफॉर्म यूपीआई के साथ एकीकरण कर रही हैं। साथ मिलकर नवोन्मेषी सीमा पार भुगतान सॉल्यूशंस प्रस्तुत कर रही हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में कहा कि आगे चलकर सहयोग और साझेदारी के अवसर बहुत अधिक हैं, जिसमें द्विपक्षीय लाभों से परे लाभ की संभावनाएं हैं।
मल्होत्रा ने कहा, ‘आगे चलकर सहयोग और साझेदारी के अवसर बहुत अधिक हैं। ये सहयोग द्विपक्षीय लाभों से परे लाभ दे सकते हैं। वे वैश्विक स्तर पर डिजिटल फाइनैंस में समावेशन, दक्षता और विश्वास के लिए नए मानक स्थापित कर सकते हैं।’
उन्होंने भारत के फिनटेक क्षेत्र को ऐसी वित्तीय व्यवस्था को आकार देने में मदद करने का आह्वान किया जो समावेशी, उपभोक्ता-केंद्रित, भरोसेमंद, कुशल, सही मायने में वैश्विक और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक हो। मल्होत्रा के मुताबिक भारत का वैश्विक स्तर के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे यूपीआई, आधार और डिजिलॉकर ने न सिर्फ कुशलता और सेवा डिलिवरी बेहतर किया है, बल्कि इसे लाखों भारतीय आज व्यापक वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच का लाभ उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन का ग्लोबल फिनटेक हब भी बेहतर तरीके से स्थापित है जहां भुगतान को लेकर गहन विशेषज्ञता, रेगटेक, सुपटेक और ओपन फाइनैंस की सेवाएं हैं। मजबूत प्रशासन पर इसके जोर ने सुनिश्चित किया है कि फिनटेक का विकास तेज और टिकाऊ रहे।’
मल्होत्रा ने इस बात पर जोर दिया कि फिनटेक स्टार्टअप्स की संख्या और इस क्षेत्र में आने वाले निवेश के पैमाने के मामले में ब्रिटेन और भारत दोनों ही शीर्ष देशों में शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘ये दुनिया भर के कुछ सबसे जीवंत और गतिशील फिनटेक के केंद्र हैं।’