facebookmetapixel
उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

नीलामी से पहले सरकारी बॉन्ड बाज़ार ने बढ़त गंवा दी

अतिरिक्त नकदी गिरकर 2.62 लाख करोड़ रुपये रह गई, जो इसके पहले के सप्ताह में ट्रेजरी बिल की नीलामी में 3.97 लाख करोड़ रुपये थी।

Last Updated- August 13, 2025 | 10:31 PM IST
Bonds

गुरुवार को होने वाली साप्ताहिक नीलामी से पहले सतर्कता के कारण बुधवार को कारोबार की समाप्ति तक सरकारी बॉन्ड बाज़ार ने लगभग पूरी बढ़त गंवा दी। सरकारी बॉन्ड की साप्ताहिक नीलामी गुरुवार को होनी है क्योंकि शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के कारण बाजार बंद रहेंगे। डीलरों कहा कि दिन के कारोबार में 10 साल के बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड शॉर्ट कवरिंग के कारण 3 आधार अंक नीचे गए। ये 6.48 प्रतिशत पर बंद हुए, जबकि पिछली बंदी 6.49 प्रतिशत थी।

एक प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘प्राइमरी डीलरों और सरकारी बैंकों ने सुबह शॉर्ट कवरिंग की।’ उन्होंने कहा कि बाद में रिजर्व बैंक द्वारा कल (गुरुवार) की नीलामी के बारे में पूछताछ किए जाने की अटकलों के कारण सावधानी बरती गई और बिकवाली हुई। बाजार भागीदारों ने कहा कि हर सप्ताह केंद्र व राज्य सरकारों के 50,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड बाजार में आ रहे हैं और बाजार में नुकसान के कारण निवेश व ट्रेडिंग के बही खाते पर पहले से ही दबाव है।  ऐेसे में नए बॉन्ड खरीदने की क्षमता तेजी से घट रही है। आगे रिजर्व बैंक द्वारा ओपन मार्केट ऑपरेशन कराए जाने की उम्मीद कम होने के कारण खरीदार कदम आगे बढ़ाने से हिचक रहे हैं।

बाजार भागीदारों ने कहा कि अंडरराइटिंग शुल्क पहले के सप्ताह से अधिक हो सकता है। एक प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘सरकार के बॉन्ड की यील्ड नीलामी में होने वाली मांग पर निर्भर होगी। सावधानी तो बरती जा रही है, लेकिन मोटे तौर पर नीलामी सफल होनी चाहिए। अंडरराइटिंग शुल्क सामान्य से ज्यादा हो सकता है।’ 

सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये के 2030 बॉन्ड और 13,000 करोड़ रुपये के नए 2055 बॉन्ड बेचने की योजना बनाई है। बुधवार को साप्ताहिक नीलामी में ट्रेजरी बिल पर कटऑफ दर 2 आधार अंक बढ़ी क्योंकि अतिरिक्त नकदी गिरकर 2.62 लाख करोड़ रुपये रह गई, जो इसके पहले के सप्ताह में ट्रेजरी बिल की नीलामी में 3.97 लाख करोड़ रुपये थी।

First Published - August 13, 2025 | 10:26 PM IST

संबंधित पोस्ट