येस बैंक का शेयर सुर्खियों में रहने का अनुमान है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एडिशनल टियर 1 (एटी1) बॉन्ड मामले में अनुरोध स्वीकार किए जाने की संभावना है।
विश्लेषकों का कहना है कि यदि सर्वोच्च न्यायालय एटी1 बॉन्डधारकों के पक्ष में निर्णय सुनाता है तो येस बैंक के शेयर में बिकवाली देखी जा सकती है, क्योंकि इससे उसका पूंजी आधार घट सकता है और विकास परिदृश्य प्रभावित हो जाएगा। इससे अन्य बैंकों, खासकर उन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पूंजी उगाही परिदृश्य भी प्रभावित हो सकता है, जो ऐसे बॉन्ड जारी करते हैं।
येस बैंक का शेयर 15 रुपये पर बंद हुआ। इस शेयर में तीन साल की लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद और एटी1 मामले में सर्वोच्च न्यायालय के संभावित निर्णय की आशंका की वजह से इस महीने करीब 18 प्रतिशत की कमजोरी आई है। इस साल अब तक के आधार पर येस बैंक का शेयर 27 प्रतिशत गिरा है।
20 जनवरी, 2023 को, बंबई उच्च न्यायालय ने 8,400 करोड़ रुपये के एटी1 बॉन्डों को बट्टेखाते में डालने के निर्णय को रद्द कर दिया था। उसके बाद बैंक का शेयर करीब 10 प्रतिशत गिर गया था। बाद में, उच्च न्यायालय ने 6 सप्ताह तक उस निर्णय पर रोक लगा दी।
बंबई उच्च न्यायालय के निर्णय से चिंतित येस बैंक और आरबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय में विशेष याचिका दायर की थी। 3 मार्च 2023 को सर्वोच्च न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को बढ़ा दिया था।
सर्वोच्च न्यायालय ऐसे समय में येस बैंक एटी1 मामले की सुनवाई कर रहा है जब स्विस बैंकिंग नियामक ने क्रेडिट सुइस की पुनर्गठन प्रक्रिया के तौर पर 17 अरब डॉलर मूल्य के एटी1 बॉन्डों को बट्टेखाते में डालने का निर्देश दिया है।
एटी1 बॉन्ड किसी बैंक के लिए इक्विटी शेयरों और अधिशेष के साथ साथ टियर-1 पूंजी का हिस्सा होते हैं। ऐसे बॉन्डों को पर्पेचुअल बॉन्ड भी कहा जाता है।