कोलकाता का यूको बैंक उड़ीसा के ग्रामीण इलाकों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग समेत हर आम नागरिक तक पूर्ण वित्त्तीय सेवाओं की पहुंच बनाने के लिए फाइनेंशियल इंक्लूजन का एक पायलट प्रोजेक्ट लाँच करेगा।
इसके लिए बैंक ने वेंडर का भी निश्चय कर लिया है और 15 सितंबर, 2008 तक यह पायलट प्रोजेक्ट शुरु हो जाएगा। बैंक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एस.के.गोयल ने कहा कि हमने इस योजना के बारे मे राज्य सरकार के अधिकारियों से बात कर ली है। इस योजना की तकनीक बहुत साधारण है और महज उंगलियों से जिसका संचालन किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत गांवों के समूह को बैंक से जोडा जाएगा जो एक फोकल प्वाइंट होगा। इसमें गांवों के समूह के लिए बिजनेस रिपोर्टर की नियुक्ति की जाएगी जो कुछ गजट और स्मार्ट कार्ड के साथ गांवों में जाएंगे और गांवों में स्मार्ट कार्ड जारी करेंगे।
यह एक तरह से मूविंग बैंक की तरह होगा जिसमें लोग अपनी पूंजी जमा कर सकते हैं, निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करना होगा। एकाउंट गांव से जुड़ी बैंक में खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रति ग्राहक इस तरह के एकाउंट खोलने पर करीब 30 रुपए का खर्च आएगा।
एलएलबीसी के चेयरमैन के रुप में उन्होंने सरकार से इसमें सहयोग देने के लिए कहा है। गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस सलाह को स्वीकार कर लिया है और प्रस्ताव को आजमाने के लिए सहमत हो गए हैं। यदि राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को स्वीकार करती है तो प्रत्येक एकाउंट के खोलने के लिए 20 रुपए बैंक द्वारा दिए जाएंगे जबकि 10 रुपए राज्य सरकार देगी।
बैंक उड़ीसा सरकार से इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मदद की उम्मीद कर रहा है। बैंक पिछले साल के बैकलॉग के साथ इस साल के लक्ष्य को भी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। बेरोजगारों के लिए ईडीसी पर उन्होंने कहा कि बैंक ने पुरी में पहले ही ऐसा सेंटर खोल दिया है। दूसरी बैंकों को भी ऐसे सेंटर खोलने चाहिए।