देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का शुद्ध लाभ एकल आधार पर सितंबर तिमाही में 51.88 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 4,574 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शुद्ध ब्याज आय में बढ़ोतरी और फंसे कर्ज पर प्रावधान में कमी से बैंक का लाभ बढ़ा।
पिछले साल की समान अवधि में बैंंक का शुद्ध लाभ 3,012 करोड़ रुपये रहा था। जून तिमाही में बैंंक ने 4,189 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। बैंंक ने एक बयान में ये बातें कही है।
बैंंक का शेयर आज बीएसई पर 1.12 फीसदी की बढ़त के साथ 207.05 रुपये पर बंद हुआ। बैंंक की शुद्ध ब्याज आय इस अवधि में 14.56 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 28,181 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 24,600 करोड़ रुपये रही थी। पहली तिमाही में शुद्ध ब्याज आय 26,642 करोड़ रुपये रही थी।
बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन दूसरी तिमाही में 12 आधार अंक सुधरकर 3.34 फीसदी पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.22 फीसदी रहा था। क्रमिक आधार पर शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.24 फीसदी रहा था।
बैंक की अन्य आय दूसरी तिमाही में 8,528 करोड़ रुपये पर स्थिर रही, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 8,538 करोड़ रुपये रही थी। पहली तिमाही मेंं यह 7,957 करोड़ रुपये रही थी।
बैंक का प्रावधान दूसरी तिमाही में घटकर 10,118 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 13,138 करोड़ रुपये रहा था। प्रावधान कवरेज अनुपात 88.19 फीसदी रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 81.23 फीसदी रहा था।
बैंक का सकल एनपीए घटकर 5.28 फीसदी रह गया, जो पिछली सितंबर तिमाही में 7.19 फीसदी रहा था। शुद्ध एनपीए इस अवधि में घटकर 1.59 फीसदी रह गया, जो सितंबर 2019 में 2.79 फीसदी रहा था। 31 अगस्त तक मानक खाते से बैंंक ने 14,388 करोड़ रुपये फंसे कर्ज के तौर पर पाया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के कारण बैंक उसे फंसा कर्ज अभी नहीं मान रहा है। कृषि व एमएसएमई के कर्ज इसमें शामिल हैं। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला न होता तो सकल एनपीए व शुद्ध एनपीए क्रमश: 5.88 फीसदी व 2.08 फीसदी होता।
