केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पंजाब नैशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) को मौजूदा वित्त वर्ष में पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) के जरिये कुल मिलाकर 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है। यह जानकारी मामले के जानकार एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘वित्त वर्ष 25 में पीएनबी और बीओएम, प्रत्येक को क्यूआईपी के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी जा चुकी है। इन दोनों बैंकों ने हॉन्ग कॉन्ग जैसी कई जगहों पर रोड शो भी किए हैं।’
पीएनबी और बीओएम की सालाना आम बैठक (एजीएम) में वित्त वर्ष 2024-25 में क्यूआईपी या अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) के जरिये शेयर बिक्री से प्रत्येक को 7,500 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दे दी है। दरअसल, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के मामले में क्यूआईपी के जरिये धन जुटाने पर पैसा कंपनी को जाता है, क्योंकि इकाई नए शेयर जारी करती है, जबकि ओएफएस के मामले में जुटाई गई राशि सरकार (हिस्सेदार) के पास जाती है क्योंकि इसमें मौजूदा शेयरों की बिक्री होती है।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय को ऐसे ही प्रस्ताव अन्य बैंकों से मिले हैं। इस क्रम में क्यूआईपी के जरिये यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) से 6,000 करोड़ रुपये, यूको बैंक से 2,000 करोड़ रुपये और इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) से 2,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव मिले हैं।
सूत्रों के मुताबिक ‘ऐसे कोष जुटाने से कुछ बैंक न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) के मानदंडों को पूरा कर पाएंगे। ये मानदंड भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने तय किए हैं।’
सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) भी इस साल में 3,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव भेज चुका है। इस बारे में और जानकारी के लिए वित्त मंत्रालय, पीएनबी, बीओएम, यूको बैंक, आईओबी और सेंट्रल बैंक को हमने ईमेल भेजा लेकिन खबर छपने तक जवाब नहीं मिला।
केयर रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक संजय अग्रवाल के मुताबिक ‘बैंकों का प्राथमिक लक्ष्य सेबी ने दिशानिर्देशों का पालन करना है। इसके अलावा बीते दो या तीन वर्षों में बैंकिंग क्षेत्र ने मार्केट में अच्छा प्रदर्शन किया है और उनके प्रदर्शन को भी सराहा गया है। हालिया समय में शेयरों का मूल्य बेहतर होने के कारण बैंक सालाना आधार पर बढ़ रहे हैं और उन्हें पूंजी की जरूरत है। क्यूआईपी के जरिये बैंक अपनी अतिरिक्त जरूरतें पूरी करते हैं और सेबी के दिशानिर्देशों को पूरा करते हैं।’