प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक की दो अभिनव उपभोक्ता केंद्रित पहलों, भारतीय रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना और रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना की शुरुआत करेंगे। माना जा रहा है कि इससे परिवारों के निवेश में बदलाव और उनकी बचत को लेकर कुछ गलत होने पर शिकायत करने के मामले में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। सरकार के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक खुदरा प्रत्यक्ष योजना का उद्देश्य सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की पहुंच बढ़ाना है।
रिजर्व बैंक की रिटेल डायरेक्ट और एकीकृत लोकपाल योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से करेंगे, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी उपस्थित रहेंगी। रिटेल डायरेक्ट पेश किए जाने के बाद आम आदमी सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) में सीधे हिस्सा ले सकेगा, जो पेशक श की सबसे सुरक्षित संपत्ति श्रेणी मानी जाती है।
यह विचार सबसे पहले रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2021 में मौद्रिक नीति के दौरान पेश किया था। फरवरी की नीति में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस पहल को बड़े ढांचागत बदलाव की पहल के रूप में वर्णित किया था और इससे विशेषज्ञ भी सहमत थे। दरअसल अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत दुनिया का तीसरा देश होगा, जहां खुदरा हिस्सेदार सरकार के बॉन्ड बाजार में सीधे पहुंच सकेंगे।
निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के हवाले से ऑनलाइन सरकारी प्रतिभूति खाते आसानी से खोल सकते हैं और उन प्रतिभूतियों का रख-रखाव कर सकते हैं। यह सेवा निशुल्क होगी।