बिजली और सड़क क्षेत्र सहित आधारभूत ढांचे को उधारी देने में तेजी से गिरावट आई है। इस क्षेत्र को मई, 2022 में उधारी 9.8 फीसदी थी, जो मई, 2023 में सालाना आधार पर गिरकर 1.8 फीसदी रह गई। हालांकि बिजली क्षेत्र में मई 2023 के दौरान सालाना आधार पर 0.3 फीसदी की बढ़त के साथ स्थिर रही जबकि मई, 2022 में सालाना आधार पर इसमें 9.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक बिजली क्षेत्र को मई 2023 में बकाया ऋण उधारी 6.17 लाख करोड़ रुपये थी। मई, 2023 तक बैंक के आधारभूत ढांचे के उधारी का पोर्टफोलियो 12.22 लाख करोड़ रुपये था जिसमें बिजली क्षेत्र की तकरीबन आधी हिस्सेदारी थी। आधारभूत ढांचे के अन्य क्षेत्र सड़क में भी गिरावट हुई। इसमें मई 2023 में सालाना आधार पर 5.2 फीसदी गिरावट दर्ज हुई जबकि इसके बीते वर्ष की सापेक्ष अवधि में 17.6 फीसदी की वृद्धि हुई थी। सड़क क्षेत्र को मई 2023 तक बैंक की कुल उधारी 2.89 करोड़ रुपये थी।
हालांकि आधारभूत क्षेत्र के विपरीत औद्योगिक क्षेत्र में कारोबारी गतिविधियां तेजी से बढ़ी। आम धातु बनाने वाली इकाइयां और धातु उत्पाद के क्षेत्र में उधारी को लेकर सकारात्मक बदलाव देखने को मिला। इस क्षेत्र में मई 2023 के दौरान सालाना आधार पर उधारी में 16.5 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 2.3 फीसदी की गिरावट आई थी।
उद्योग को उधारी देने में मई, 2023 में 6.0 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले 8.8 फीसदी की वृद्धि हुई थी। आकार और उधारी वृद्धि के मामले में बड़े उद्योगों में मई, 2023 में 3.9 फीसदी की वृद्धि हुई (एक साल पहले 2.1 फीसदी)। मध्यम उद्योग को उधारी देने में 18.9 फीसदी की गिरावट आई (बीते साल 42.9 फीसदी थी)। सूक्ष्म और लघु उद्योगों को उधारी 9.5 फीसदी बढ़ी (एक साल पहले 32.7 फीसदी)।