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ऋण वृद्घि तेज होने से ऋणदाताओं के बीच कोष उगाही की मची होड़

Last Updated- December 11, 2022 | 8:50 PM IST

 
कई बैंक और वित्तीय संस्थान अपने व्यवसाय बढ़ाने और वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले बैलेंस शीट लक्ष्य पूरे करने के लिए मार्च में बाजारसे कोष उगाही पर जोर दे रहे हैं।
इस महीने के शुरू में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों – यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक ने अतिरिक्त टियर-1 बॉन्डों के जरिये 1,500 करोड़ रुपये और 1,000 करोड़ रुपये जुटाए। सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य ऋणदाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने मार्च में इसी विकल्प के जरिये करीब 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है।
निजी क्षेत्र के ऋणदाताओं में, एचडीएफसी ने 10 वर्षीय बॉन्डों के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक ने परिवहन और विद्युत एवं किफायती आवासीय जैसे क्षेत्रों की परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्डों के जरिये 8,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कैन फिन होम्स ने भी 700 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस कंपनी 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। एचडीएफसी लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक केकी मिस्त्री ने कहा, ‘हम मजबूत ऋण वृद्घि देख रहे हैं और यही एक वजह है कि हमने बाजार से पूंजी जुटाई है।’
मिस्त्री ने बताया, ‘ऋण के लिए मांग मजबूत हुई है। इसके अलावा, हम समय समय पर पैदा होने वाले अवसरों पर बाजार से पूंजी जुटाते हैं। ऋण मांग दोनों सेगमेंटों – रिटेल और होलसेल- में मजबूत हुई है। हमें यह रुझान बरकरार रहने की संभावना है।’ चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान बैंक ऋण वृद्घि धीमी पड़ गई थी। आरबीआई के आंकड़े के अनुसार, ऋण सालाना आधार पर 11 फरवरी को समाप्त पखवाड़े तक 7.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछले वित्त वर्ष समान अवधि में यह आंकड़ा 6.6 प्रतिशत था।

 
आईसीआईसीआई बैंक ने इन्फ्रा बॉन्ड से जुटाई रकम
निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिये 8,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिसकी ब्याज दर 7.12 फीसदी है। इसकी दर आक्रामक थी क्योंंकि एचडीएफसी ने एक दिन पहले 10 वर्षीय बॉन्ड के जरिए 7.18 फीसदी की दर पर रकम जुटाई। डेट मार्केट के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
जुटाई गई रकम का इस्तेमाल परिवहन व ऊर्जा और अफोर्डेबल हाउसिंग जैसे क्षेत्रों की परियोजनाओं के वित्त पोषण में किया जाएगा।
10 वर्ष वाली इस प्रतिभूति के इश्यू का आकार 500 करोड़ रुपये था और इसमें 7,500 करोड़ रुपये के आवेदन को स्वीकार करने का विकल्प रखा गया था। इसके जरिए जुटाई जाने वाली रकम को सीआरआर व एसएलआर की अनिवार्यताओं से जुड़े नियमों से छूट मिली हुई है और इन्हें लंबी अवधि के इन्फ्रा व अफोर्डेबल हाउसिंग के कर्ज में लगाया जाता है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने 10,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड को एएए की रेटिंग दी है और लेनदार के पास चरणों में रकम जुटाने का विकल्प है।     बीएस

First Published - March 9, 2022 | 11:35 PM IST

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