सरकार ने आज कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख दरों में ताजा कटौती से बैंक अपनी दरों में कटौती करने को प्रेरित होंगे तथा निजी क्षेत्र के बैंक भी देर सबेर कर्ज सस्ता करने की राह में कदम बढ़ाएंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों कटौती के एक दिन बाद आर्थिक मामलों के सचिव अशोक चावला ने कहा कि हम आरबीआई के कदम का स्वागत करते हैं क्योंकि यह बैंकों को अपने ब्याज दरों में कमी करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
चावला ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंक देर सबेर इस राह पर चलेंगे। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने रेपो और रिवर्स रेपो की दरों में आधा फीसदी की कमी की है जबकि नकद आरक्षित अनुपात या सीआरआर को अपरिवर्तित किया गया है। इ स कटौती के बाद रिजर्व बैंक की रेपो की दर घट कर 5 फीसदी और रिवर्स रेपो की दर 3.5 फीसदी रह गई है।
सीआरआर वाणिज्यिक बैंकों की जमा राशि का वह हिस्सा है जिसे उन्हें केन्द्रीय बैंक के पास रखना होता है। सीआआर में किसी तरह की कटौती नहीं किए जाने पर चावला ने कहा कि बैंकों के पास ऋण देने योग्य नकदी की कमी नहीं है इस लिए सीआरआर में कटौती करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि जब भी स्थिति आई है नीतिगत दरों में कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि जब कभी भी स्थिति सामने आएगी रिजर्व बैंक आगे और निर्णय करेगा। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने कल सीआरआर में कोई कमी नहीं करने के बावजूद कहा है कि वह बैंक प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चत करेगा। इधर आरबीआई द्वारा दरों में की ताजा कटौती के बाद चारों तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
गोल्डमैन सैक्स
गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि आरबीआई सीआरआर में इस साल जून मध्य तम 150 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। हालाकि रेपो और रिवर्स रेपो में आम चुनाव की समाप्ति तक आगे और ज्यादा कटौती नहीं किए जाने की संभावना व्यक्त की है।
बैंक ने कहा कि चुनाव के समय में आरबीआई के लिए रेपो दर में कटौती करना राजनैतिक दृष्टि से ठीक नहीं माना जाएगा जबकि रिवर्स रेपो को बचत दर से कम करने से बैंकों के मुनाफा कमाने की क्षमता पर काफी असर पड़ेगा।
नोमुरा
नोमुरा का मानना कि आरबीआई रेपो और रिवर्स रेपो दरों में 100 आधार अंकों की जून से पहले और कटौती कर सकती है। नोमुरा के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरा दौर आगे भी जारी रहने की संभावना है जिससे दरों में कटौती का रास्ता ही एक मात्र विकल्प बचता है।
नोमुरा में अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा कि आरबीआई द्वारा प्रमुख दरों में ताजा कटौती चौंकाने वाला नहीं है क्योंकि इसमें पहले से ही कटौती की संभावना व्यक्त की जा रही थी।
कोटक
कोटक महिन्द्रा बैंक के अनुसार आरबीआई 21 अप्रैल को प्रस्तावित सालाना मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान या फिर इसके बाद प्रमुख दरों में 50 आधार अंकों तक की और कटौती करेगा।
बैंक के विश्लेषक इंद्रनील पान और कौशिक दास का कहना है कि दरों में ताजा कटौती के बाद अब यह लगने लगा है कि केंद्रीय बैंक दरों में कटौती को लेकर अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है।
हालांकि आरबीआई द्वारा दरों में ताजा कटौती के बाद भी कई बैंक अपनी दरों नहीं घटाने की बात कर रहे हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक का कहना है कि वह इस वित्त वर्ष की समाप्ति तक वह दरों में कटौती का कोई फैसला नहीं करेगा।
इधर प्रमुख दरों की कटौती भारत के बाहर भी चल रही है। अर्थव्यवस्था में नकदी के प्रवाह को बढाने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी अपनी दरों में गुरुवार को 50 आधार अंकों की कटौती करने की घोषणा की है। कटौती के बाद यह 0.5 फीसदी के न्यूनतम स्तर है।