बैंकों के सामने ग्राहकों को जोड़े रखने की चुनौती बढ़ती जा रही है। बेन ऐंड कंपनी ने बदलते ग्राहक अनुभव पर नजर रखने वाले अपने टूल नेट प्रमोटर स्कोर (एनपीएस) के आधार पर कहा है कि 50 फीसदी से अधिक बैंकिंग ग्राहक अगले 12 महीनों में अपने बैंक बदलना चाहते हैं। इन ग्राहकों से पूछा गया था कि अगर उन्हें बचत खाते, ऋण, क्रेडिट कार्ड या वाहन ऋण के लिए प्रतिस्पर्धी पेशकश की जाएं तो वे बदलाव करेंगे या नहीं।
ये आंकड़े एक लाख से अधिक ग्राहकों (ज्यादातर डिजिटल) के जवाब पर आधारित हैं, जिन्हें पहली बार सार्वजनिक किया गया है। इन आंकड़ों को पूरे साल के दौरान अद्यतन बनाया जाता है। बेन ने पहली रिपोर्ट पिछले साल अक्टूबर में जारी की थी, लेकिन इसे समय-समय पर अद्यतन बनाया जा रहा है। नियो बैंकिंग और डिजिटल फिनटेक विकल्पों के बढऩे से ग्राहकों के बदलाव करने की दर बढ़ी है। यह केवल ऋण और निवेश योजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि बचत खातों और क्रेडिट कार्ड जैसे अधिक लेनदेन वाले उत्पादों में भी है। यह स्थिति ब्रिटेन और अमेरिका के विपरीत है। ब्रिटेन में केवल 20 से 30 फीसदी और अमेरिका में करीब 10 से 20 फीसदी लोग ही अपना बैंक बदलने के बारे में विचार कर रहे हैं।
बेन का विश्लेषण यह दर्शाता है कि इन ग्राहकों में से 56 फीसदी बचत खाते के लिए भी अपना बैंक बदलना चाहते हैं। 59 फीसदी क्रेडिट कार्ड के लिए अपना बैंक बदलने को तैयार हैं, जबकि 63 फीसदी अपना वाहन ऋण और 69 फीसदी अपना पर्सनल लोन बदलना चाहते हैं।
बेन ने कहा कि बैंकिंग कंपनियों के लिए वफादार ग्राहकों को जोड़े रखना गंभीर चुनौती है। इसकी वजह यह है कि आलोचकों (जिन्हें एनपीएस पर कम स्कोर दिया जाता है) की तुलना में वफादार ग्राहकों (सर्वेक्षण में जिन्हें ऊंचा स्कोर दिया गया) के उसी सेवा प्रदाता से 2.5 गुना ज्यादा बैंकिंग उत्पाद खरीदने के आसार हैं। वफादार ग्राहक अपने वॉलेट का 20-30 फीसदी अधिक हिस्सा मुहैया कराते हैं, 3 से 4 गुना लोगों को उस बैंक में खाता खुलवाने की सलाह देता है और उसके अतिरिक्त उत्पादों एवं सेवाओं के लिए प्रदाताओं को बदलने के 2 से 3 गुना कम आसार होते हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्मों को अपनाने की अत्यधिक चाहत को साफ तौर पर समझा जा सकता है। बेन ने ग्राहकों से सवाल पूछा था कि अगर कोई तकनीकी कंपनी वित्तीय उत्पाद (जैसे बचत खाता, ऋण, क्रेडिट कार्ड, नियो बैंक, नियो कार्ड भुगतान, डिजिटल शेयर कारोबार, बीमा तकनीक) मुहैया कराती है तो क्या वे उनके बारे में विचार करेंगे? भारत में 85 से 90 फीसदी लोगों ने इसका जवाब हां में दिया। बेन का कहना है कि यह प्रतिशत चीन के 85 फीसदी से अधिक था, जबकि अमेरिका में इसका हां में जवाब देने वाले लोगों की तादाद 75 फीसदी थी।
यह रोचक चीज यह भी सामने आई है कि फिनटेक पर भरोसा बढ़ रहा है। बेन का कहना है कि 40 साल से कम उम्र के लोगों के लिए आसानी, तेजी और सहूलियत बहुत महत्त्वपूर्ण हैं और वे डिजिटल अनुभव पर ज्यादा केंद्रित हैं। हालांकि 40 साल से अधिक उम्र के लोग आमने-सामने के अनुभव को ज्यादा बेहतर मानते हैं।
