भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर-बैंकिंग इकाइयों को अपने ग्राहकों को कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प देना चाहिए। RBI के इस प्रस्ताव से बैंक और गैर-बैंकिंग इकाइयां असमंजस में हैं और वे इस बारे में नियामक से स्पष्टीकरण मांगने की योजना बना रही हैं कि क्या ग्राहकों को को-ब्रांडेड कार्ड के मामले में भी कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प प्रदान करना आवश्यक है।
RBI ने बीते बुधवार को दिशानिर्देश का मसौदा जारी कर प्रस्तावित किया है कि क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड जारीकर्ताओं को अपने पात्र ग्राहकों को कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प देना चाहिए। रिजर्व बैंक द्वारा भारत में स्वीकृत कार्ड नेटवर्क में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्पोरेशन, डाइनर्स क्लब इंटरनैशनल लिमिटेड, मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम- रुपे और वीजा वर्ल्डवाइड पीटीई लिमिटेड शामिल हैं।
कार्ड जारी करने वाला कई कार्ड नेटवर्कों के साथ समझौता कर सकता है, लेकिन एक खास को-ब्रांडेड कार्ड एक कार्ड नेटवर्क द्वारा जारी होता है। उदाहरण के लिए Axis Bank का फ्लिपकार्ट के साथ को-ब्रांडेड कार्ड है, जो सिर्फ वीजा के साथ उपलब्ध है। इसी तरह से ICICI Bank का को-ब्रांडेड कार्ड एमेजॉन के साथ सिर्फ वीजा के साथ उपलब्ध है।
वरिष्ठ बैंकर ने कहा कि अगर ग्राहक फ्लिपकार्ट का को-ब्रांडेड कार्ड पाते हैं तो क्या उन्हें शेष कार्ड नेटवर्कों को चुनने का विकल्प मिलेगा।
रिजर्व बैंक एक्सक्लूसिव व्यवस्था खत्म करना चाहता है, जिसकी वजह से वह मल्टिपल कार्ड नेटवर्क की पेशकश चाहता है। सूत्रों का कहना है कि नियामक इस तरह के एक्सक्लूसिव समझौतों को लेकर सहज नहीं है। उद्योग के एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘रिजर्व बैंक की ओर से संदेश यह है एक्सक्लूसिव नहीं होना चाहिए।’