वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज जोर देते हुए कहा कि सरकार की ओर से चूककर्ताओं, खासकर भगौड़ों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और कानूनी प्रक्रिया से उनकी संपत्तियां वापस लाने से बैंकों को लाभ हो रहा है। भगोड़ों व चूककर्ताओं से धन मिलने से बैंकों की खराब संपत्ति कम हुई है।
जम्मू कश्मीर के दो दिन के दौरे पर पहुंची सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘हमने यह सुनिश्चित किया है कि हर मामले में कोशिश करेंगे और बैंकों का धन वापस लाया जाएगा, अन्यथा बैंकों का एनपीए कम नहीं होगा।’
उन्होंने कहा कि यह चल रही प्रक्रिया है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम चूककर्ताओं को ऐसे नहीं छोड़ेंगे, खासकर उन्हें, जो देश छोड़कर चले हैं। हम उनकी संपत्तियां न्यायालय के माध्यम से लेंगे और उसे बैंकों को देेंगे।’
विजय माल्या और नीरव मोदी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि चूककर्ताओं की सूची में और भी तमाम नाम हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘इसमें और भी नाम हैं और आप चाहें तो उन्हें जोड़ सकते हैं।’ पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बैंकों ने चूककर्ताओं से 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा वसूले हैं। केयर रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 22 की दूसरी छमाही में 23 बैंकों की समीक्षा में कहा था कि बैंकिंग व्यवस्था में संपत्ति की गुणवत्ता की स्थिति सितंबर में एनपीए अनुपात में क्रमश: सुधार के संकेत नहीं दे रही है। इन 23 बैंकों में 9 सार्वजनिक बैंक और 14 निजी बैंक हैं। मार्च के 7.21 प्रतिशत की तुलना में इन बैंकों का सकल एनपीए 6.97 प्रतिशत रह गया।
सीतारमण ने कहा कि वह बैंकों, रिजर्व बैंक के प्रतिनिधियों, के साथ एक बैठक करके पूछेंगी कि क्या जम्मू कश्मीर में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार की उनकी कोई योजना है। उन्होंने कहा कि विचार यह है कि जम्मू कश्मीर के सभी जिला केंद्रों पर बैंकों की उल्लेखनीय उपस्थिति रहे, जिससे जनता तक पहुंच बेहतर हो सके। ऐसा होने से लोकतांत्रिक बैंकिंग और वित्तीय समावेशन हो सकेगा और इसमें केंद्र के क्षेत्र में क्रेटिट डेविट अनुपात बढ़ेगा।
