बंधन बैंक का पहली तिमाही में शुद्ध मुनाफा 47 फीसदी बढ़ा है। कोलकाता मुख्यालय वाले बैंक में अंतरिम प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) नियुक्त हुए रतन कुमार केश ने मनोजित साहा के साथ बैंक की वृद्धि सहित विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की। प्रमुख अंश…
बंधन बैंक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। बैंक के संस्थापक, एमडी और सीईओ चंद्रशेखर घोष के सेवानिवृत्त होने के फैसले और आपके कार्यभार संभालने के बाद बैंक सुचारु परिवर्तन कैसे सुनिश्चित करेगा?
कार्यकाल के अंत में सेवानिवृत्त होने का फैसला करते समय घोष ने इस विषय पर स्पष्ट रूप से अपने विचार रखे थे। उन्होंने कहा था कि बैंक को महामारी के बाद की समस्याओं से निर्णायक रूप से बाहर आना होगा। दूसरे, उन्होंने कहा कि नेतृत्व के स्तर पर मजबूती होनी चाहिए।
मुझे लगता है कि पहली तिमाही के परिमाम के बाद हम भरोसे के साथ कह सकते हैं कि हम निश्चित रूप से कोविड महामारी की समस्याओं से उबरे हैं। इसके पहले आपने सुधार के संकेत देखे थे और अब आप देख सकते हैं कि निश्चित रूप से हम इससे बाहर हैं।
मैं 5 तिमाही पहले ही बैंक से जुड़ा हूं। उसके बाद कुछ और शीर्ष अधिकारी आए हैं। ऐसे में विभिन्न स्तरों पर संगठन के भीतर और बाहर के अनुभव का बेहतर समावेश है।
नए सीईओ की नियुक्ति को लेकर ताजा स्थिति क्या है?
सर्च कमेटी और बोर्ड इस पर काम कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में हम सही राह पर चल रहे हैं।
बंधन बैंक सूक्ष्म वित्त संस्थान था, जिसे 2015 में वाणिज्यिक बैंक में बदल दिया गया और यह अपने कारोबार में विविधता लेकर आया है। विविधीकरण के मोर्चे पर बैंक और क्या कर सकता है?
हमने कामकाज शुरू किया था तब बैंक 100 फीसदी सूक्ष्म वित्त संस्थान था। आज हमारे पास सुरक्षित आवास ऋण का बड़ा हिस्सा है। हमारा खुदरा कारोबार 80-85 फीसदी बढ़ा है, जिसमें बड़ा हिस्सा (करीब 70 से 80 फीसदी) सुरक्षित ऋण का है। वाणिज्यिक बैंकिंग सालाना आधार पर 30 से 35 फीसदी बढ़ रहा है। माइक्रोफाइनैंस ग्रुप लोन अब 35 फीसदी से नीचे है।
जहां तक भौगोलिक विविधीकरण का सवाल है, अब पूर्वी भारत से बाहर भी हमारी शाखाओं के रूप में बेहतरीन मौजूदगी है। अब हमारी करीब 55 फीसदी मौजूदगी पूर्वी इलाके से बाहर है।
मध्यावधि के हिसाब से वृद्धि की क्या रणनीति है?
हमारी रणनीति देनदारी पर आधारित वृद्धि को लेकर है। परिसंपत्तियों की तुलना में जमा तेजी से बढ़ेगा। पहली तिमाही में जमा में 23 फीसदी और परिसंपत्तियों में 21 फीसदी वृद्धि हुई। हम ऋण की तुलना में जमा में तेज वृद्धि जारी रखेंगे, क्योंकि हम ऋण-जमा अनुपात अगले साल तक 90 फीसदी के करीब लाना चाहते हैं, जो अभी 95 फीसदी है।
कुल जमा में चालू खाता और बचत खाता (कासा) जमा की हिस्सेदारी कितनी है?
कासा अनुपात 33.4 फीसदी है। यह धीरे-धीरे सुधर रहा है। अभी बाजार में नकदी को लेकर कुछ दबाव है। मध्यावधि के हिसाब से हमारा मकसद कासा अनुपात बेहतर करना और इसे 40 फीसदी के आसपास ले जाना है।
हाल के मसौदा मानकों से लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (एलसीआर) पर क्या असर पड़ सकता है?
हमारा एलसीआर इस समय 150 फीसदी है। हम व्यापक रूप से मूल्यांकन कर रहे हैं। लेकिन नए दिशानिर्देशों से करीब 10 फीसदी का असर पड़ सकता है।