Lok Sabha elections 2024 result: मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा सीट में मंगलवार को दोपहर 1 बजे की काउंटिंग ट्रेंड के मुताबिक सबसे ज्यादा नोटा वोट पड़ने का रिकॉर्ड बन गया है। चुनाव आयोग की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 194,466 वोटों के साथ सबसे अधिक नोटा वोटों का नया रिकॉर्ड बन गया है।
नोटा या ‘इनमें से कोई नहीं’ वोटिंग मशीन पर उपलब्ध एक ऑप्शन है, जो बताता है कि मतदाताओं को उस निर्वाचन क्षेत्र में कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है। इसे 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान पहली बार पेश किया गया था।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर आगे चल रही है, उनके उम्मीदवार शंकर लालवानी अपने बहुजन समाज पार्टी के प्रतिद्वंद्वी संजय से 900,000 से ज्यादा वोटों से आगे हैं। गौरतलब है कि इंदौर से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बांब ने नामांकन के दौरान अपना नाम वापस ले लिया था और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।
गौर करने वाली बात है कि नोटा विकल्प का कोई चुनावी महत्व नहीं है। भले ही इसे सबसे ज्यादा वोट मिले हों। हालांकि, विजेता का चुनाव किस कैंडीडेट को ज्यादा वोट मिलेंगे इसके आधार पर किया जाता है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा चुनाव में नोटा वोटों की सबसे अधिक संख्या बिहार के गोपालगंज (SC) निर्वाचन क्षेत्र में दोपहर 12 बजे तक 51,660 थी।
राज्य विधानसभा चुनावों की बात करें तो NOTA को सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत 2020 में बिहार (7,06,252 वोट) और NCT दिल्ली (43,108 वोट) दो राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिला, जो कुल 1.46% रहा।
अगस्त 2022 में पब्लिश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच सालों में राज्य और आम चुनावों में नोटा के लिए कुल 12.9 करोड़ वोट डाले गए हैं।
एडीआर ने सुझाव दिया है कि ऐसे मामलों में जब नोटा के लिए डाले गए वोट सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से अधिक हों तो किसी भी उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित नहीं किया जाना चाहिए और एक नया चुनाव कराया जाना चाहिए, जिसमें पहले के किसी भी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।