बाजार के लिए यह पखवाड़ा उतार-चढ़ाव भरा रहा है। जूलियस बेयर के प्रबंध निदेशक मिलिंद मुछला ने पुनीत वाधवा के साथ बातचीत में कहा कि वह स्मॉल और मिडकैप खंड के लिए सकारात्मक बने हुए हैं। मुख्य अंशः
दिसंबर 2023 में कुछ राज्यों में हुए विधान सभा चुनावों में राजग की जीत के बाद से ही बाजार ने लोक सभा चुनाव के लिए ऐसा अनुमान लगाना शुरू कर दिया था। इसलिए, सरकार तीसरी बार आएगी या नहीं इसके बजाय सीटों की संख्या क्या रहेगी इस पर अधिक चर्चा हो रही है। वास्तव में बीते कुछ महीनों के दौरान जो कुछ भी हुआ (अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, विपक्षी गठबंधन का कमजोर होना) उसके बाद उम्मीदें और मजबूत हो गई हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जून/जुलाई में पेश हो सकता है। निश्चित रूप से इसमें कुछ ऐसा होगा जिस पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। हालांकि, फरवरी में पेश अंतरिम बजट में इसकी कुछ झलक दिख गई है। सरकार ने स्पष्ट रूप से गुणवत्ता व्यय, पूंजीगत व्यय, बुनियादी ढांचे के एजेंडे को जारी रखते हुए राजकोषीय अनुशासन पर अपना ध्यान केंद्रित रखा है। मगर अंततः बाजार की दिशा अगले कुछ महीनों में वृहद आर्थिक माहौल और कंपनियों के आय की गति पर आधारित रहेगी।
सरकार का आर्थिक वृद्धि का एजेंडा घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, बुनियादी ढांचे का विकास और खर्च करने योग्त पर्याप्य आय/खपत में सुधार जैसे तीन स्तंभों पर आधारित है। वित्त वर्ष 2025 के लिए पूर्ण बजट इस एजेंडे को बढ़ावा देने वाली हो सकती है। इसमें बेहतर राजकोषीय संतुलन दर्ज करने और उच्च सामाजिक खर्च के लिए जगह बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है। साथ ही यह उपभोग में सुधार के लिए मध्यम वर्ग और ग्रामीण इलाकों के लिए कुछ रियायतें भी दे सकता है।
हम बीते कुछ महीनों से स्मॉल कैप (खासकर एसएमई खंड) और मिडकैप (एसएमआईडी) क्षेत्र को लेकर आशंकित रहे हैं। एसएमआईडी ने अब अपने लार्ज कैप के मुकाबले काफी प्रीमियम पर कारोबार करना शुरू कर दिया है, जिससे कुछ परेशानियां पैदा हो रही है। हम एसएमआईडी क्षेत्र में कुछ लाभ कम करते हुए लार्जकैप एक्सपोजर बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं।