लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दौरान उम्मीदवारों के खर्च पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर है। आयोग की तरफ विभिन्न टीमें नियुक्त की गई है जो नकद रकम की जांच और जब्ती के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया है। नकदी के साथ ऑनलाइन पेमेंट पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए खास तैयारी की गई है। मुंबई और आसपास की लोकसभा सीटों पर 20 मई को मतदान होना है। यहां उम्मीदवार 3 मई तक नामांकन पर्चा भर सकते हैं।
आचार संहिता के दौरान नकदी ले जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। आचार संहिता के दौरान अवैध धन रखने वालों पर चुनाव आयोग की टीम, पुलिस और आयकर विभाग की नजर है। पैसों की अवैध आवाजाही रोकने के लिए जगह जगह नाकेबंदी की जा रही है।
दरअसल मुंबई में हर दिन राज्य के कई जिलों के साथ-साथ बाहरी राज्यों से भी कई ट्रेनें आती-जाती हैं। पैसे ट्रांसफर करना भी संभव है। इसलिए, मुंबई शहर, उपनगरों और मुंबई से सटे शहरों में प्रवेश बंद कर दिया गया है और वाहनों की गहन तलाशी ली जा रही है। मतदान से पहले के चार दिन बेहद अहम मानते हुए इन दिनों में सुरक्षा बलों की संख्या और बढ़ाने को कहा गया है।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार व्यय नियंत्रण के तहत नकदी के निपटान के लिए समिति का गठन किया गया है और हर इलाके में विभिन्न टीमों को नियुक्त किया गया है। इन टीमों द्वारा और पुलिस टीमों की कार्यवाही के दौरान 10 लाख रुपये तक की जब्ती के मामलों का फैसला करने के लिए तीन सदस्यीय कैश रिलीज कमेटी (कैश रिलीज कमेटी) का गठन किया गया है। इसका गठन मुंबई उपनगर कलेक्टर और जिला चुनाव अधिकारी द्वारा किया गया है। इस राशि के भीतर जब्ती के मामलों में संबंधित इस समिति में अपील कर सकता है।
चुनाव आयोग (Election Commission) ने सोशल मीडिया अभियानों पर निगरानी के लिए भी खास रणनीति तैयार की है। आयोग का कहना है कि लोकसभा आम चुनाव 2024 में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खर्चों पर नजर रखने के साथ-साथ उम्मीदवारों द्वारा सोशल मीडिया पर किए जा रहे प्रचार-प्रसार पर भी कड़ी नजर रखनी चाहिए।
मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य चुनाव निरीक्षक के मुताबिक प्रतिदिन रिपोर्ट भेजी जा रही है , सोशल मीडिया , समाचार पत्र और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नियंत्रित किया जा रहा है। फिलहाल उम्मीदवार अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से ज्यादा सोशल मीडिया पर प्रचार करते नजर आ रहे हैं ।
इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से उम्मीदवारों के प्रचार-प्रसार और उस पर होने वाले खर्च पर भी कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए खास मीडिया रुप तैयार किया गया है जो हर समय सोशल मीडिया पर नजर रख रहा है।
ऑनलाइन पेमेंट के बढ़ते चलन को देखते हुए चुनाव आयोग की नजर ऑनलाइन पेमेंट पर भी है। रिजर्व बैंक ने इन ऑनलाइन कंपनियों से मौजूदा आम चुनावों के दौरान हाई वैल्यू वाले मर्चेंट पेमेंट की निगरानी करने और रिपोर्ट करने के लिए कहा है। ऐसा इसलिए ताकि पैसे से वोट खरीदने की किसी भी कवायद पर रोक लग सके।
आरबीआई (RBI) की तरफ से ऑनलाइन पेमेंट करने वाली कंपनियों से मतदाताओं को प्रभावित करने या अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव उम्मीदवारों को धन देने के लिए ई-फंड ट्रांसफर सिस्टम के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए कहा है।
आरबीआई ने पत्र लिखकर कहा है कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पेमेंट के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल हो सकता है। इसलिए कंपनियां हाई वैल्यू पेमेंट पर नजर रखे। केन्द्रीय बैंक ने अपने निर्देश में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उठाई गई चिंताओं का हवाला देते हुए पेमेंट कंपनियों को संदिग्ध लेनदेन को ट्रैक करने और संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट करने के लिए भी कहा है।