गुजरात में लोक सभा मतदान की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगा है। यहां 7 मई को वोट पड़ेंगे। वर्ष 2014 और 2019 के पिछले दोनों लोक सभा चुनावों में भाजपा ने राज्य की सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी सफलता को दोहराने के लिए पार्टी ने अभी से प्रचार का गियर बदल दिया है। इस सप्ताह उसके लगभग सभी स्टार प्रचारकों की रैलियां और सभाएं होंगी।
सूरत में बिना लड़े ही हार का मुंह देखने वाली कांग्रेस भी राज्य में भाजपा का अजेय रथ रोकने के लिए अपने प्रचार अभियान को गति दे रही है। सूरत लोक सभा निर्वाचन में कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा खारिज होने के बाद भाजपा के मुकेश दलाल को विजयी घोषित किया गया था।
अब प्रचार के लिए अंतिम सप्ताह है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य में ज्यादातर रैलियां और सभाएं इन दोनों नेताओं की ही होंगी। भाजपा सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दीसा और हिम्मतनगर (दोनों बनासकांठा) में 1 मई को दो रैलियां रखी गईं।
इसके अलावा 2 मई को वह आणंद, सुरेंद्रनगर, जूनागढ़ और जामनगर में रैलियों को संबोधित करेंगे। गांधीनगर से दूसरी बार सांसद चुने जाने के लिए उतरे गृह मंत्री शाह 3 और 4 मई को मध्य और दक्षिणी गुजरात में कम से कम दो और रैलियां करेंगे। बीते मंगलवार को उन्होंने नरोदा और अहमदाबाद में सभाओं को संबोधित किया था।
सूत्रों ने संकेत दिया कि गुजरात के प्रचार अभियान को धार देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस सप्ताह रैलियों में शामिल हो सकते हैं, लेकिन शीर्ष स्तर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है। राज्य में प्रचार के अंतिम सप्ताह में कांग्रेस ने भी पूरी ताकत झोंकने की रणनीति तैयार की है और उसके स्टार प्रचारक यहां कई रैलियां करेंगे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 3 मई को बनासकांठा के लाखेनी में एक रैली को संबोधित करेंगीं। इनके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम भी केंद्र में सत्ता परिवर्तन के लिए राज्य के लोगों से वोट मांगेंगे।
चिदम्बरम 3 मई को राजकोट में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कांग्रेस की योजनाओं को सामने रखेंगे। सौराष्ट्र क्षेत्र में आने वाला राजकोट वही शहर है जहां राजपूतों को लेकर केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के विवादित बयान के बाद भाजपा के खिलाफ सबसे पहले प्रदर्शन शुरू हुए थे। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पोरबंदर से चुनाव मैदान में हैं जबकि रुपाला राजकोट से लड़ रहे हैं। दोनों ही मंत्रियों का राज्य सभा कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है।
राहुल गांधी की सौराष्ट्र में प्रचार के लिए आने की संभावना है, लेकिन अभी इस बारे में कुछ बताया नहीं गया है। वायनाड से सांसद राहुल इस बार भी वहीं से चुनाव मैदान में हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार अंतिम सप्ताह में अशोक गहलोत, मुकुल वासनिक और इमरान किदवई जैसे नेता भी प्रचार करने के लिए मैदान में उतर सकते हैं।
भाजपा राज्य में लगातार तीसरी बार सभी 26 सीटें जीतने के लिए ब्रांड मोदी के साथ प्रचार के लिए मैदान में जान झोंकने के लिए तैयार है। सूरत की सीट वह पहले ही अपने खाते में जोड़ चुकी है। सौराष्ट्र की कुछ सीटों पर क्षत्रिय/राजपूत से जुड़े सामाजिक मुद्दे अपना असर डाल सकते हैं, लेकिन भाजपा पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है। उसका तर्क है कि इन क्षेत्रों में जमीन पर कांग्रेस कहीं है ही नहीं।
भाजपा ने राज्य में लगातार तीसरी बार सूपड़ा साफ करने का नारा दिया है। इसके अलावा वह विकसित भारत का लक्ष्य और केंद्र सरकार के 10 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां भी लोगों के समक्ष रख रही है। दूसरी ओर कांग्रेस केंद्र सरकार से राजपूतों की हालिया नाराजगी को भुनाने की रणनीति पर काम कर रही है।
अपने प्रचार अभियान के बारे में अधिकतर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस चुनाव में बड़ी बात यह है कि कांग्रेस अपनी बात लोगों के समक्ष रख रही है और भाजपा उस पर प्रतिक्रिया दे रही है।
सूत्रों का मानना है कि राज्य की 10 से अधिक सीटों पर कांग्रेस से भाजपा को कड़ी चुनौती मिल रही है। सूरत सीट से भाजपा के दलाल की निर्विरोध जीत के बाद राज्य में 25 सीटों के लिए 7 मई को चुनाव होगा, जिसके लिए 266 उम्मीदवार मैदान में हैं।