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लोक सभा चुनाव 2024 परिणाम :क्या PM मोदी करेंगे नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी या होगा वाजपेयी के ‘इंडिया शाइनिंग’ जैसा हश्र?

ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का पलड़ा भारी है।

Last Updated- June 03, 2024 | 7:46 PM IST
Lok Sabha Elections 2024: Campaign ended, PM Modi held a total of 206 public meetings and roadshows लोक सभा चुनाव 2024: खत्म हुआ प्रचार अभियान, PM मोदी ने की कुल 206 जनसभाएं और रोडशो

Lok Sabha Elections 2024: चार जून यानी मंगलवार को सुबह लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना की शुरुआत होने के साथ ही धीरे-धीरे रुझान सामने आने लगेंगे और फिर अपराह्न होते-होते लगभग यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकार्ड की बराबरी कर लेंगे या फिर साल 2004 की तरह ही कुछ ऐसे चौंकाने वाले नतीजे सामने आएंगे, जिसकी उम्मीद विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन कर रहा है।

ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का पलड़ा भारी है। इसके अलावा कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना रहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए दांव पर यही है कि उसकी जीत कैसी होती है और किन-किन नए क्षेत्रों में वह अपने पैर पसार पाती है, जबकि राष्ट्रीय क्षितिज पर लगातार कमजोर होते जा रहे विपक्ष के लिए इस चुनाव में सब कुछ दांव पर लगा हुआ है।

अंतिम चरण के मतदान के बाद ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ के पूर्वानुमानों में राजग गठबंधन को 400 पार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के करीब दिखाया गया है, वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए 180 सीटों के आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है।

कभी नहीं लगे थे चुनाव आरोप पर इस बार जितने आरोप

अतीत में जाकर हम देखें तो चुनावी फैसलों को सभी राजनीतिक दलों द्वारा स्वीकार किया गया है, हालांकि कभी भी निर्वाचन आयोग पर ऐसे गंभीर आरोप नहीं लगे जैसा कि इस बार के चुनाव में विपक्षी दलों ने उस पर लगाए हैं। मतगणना से पहले, एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ गठबंधन की भारी जीत का पूर्वानुमान व्यक्त किये जाने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी खेमों के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया है।

एग्जिट पोल या मोदी मीडिया पोल

कड़वाहट भरे लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘एक्जिट पोल’ को ‘मोदी मीडिया पोल’ कहकर सरसरी तौर पर खारिज कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर संदेह जताते रहे ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं ने प्रधानमंत्री पर इन ‘काल्पनिक’ ‘एग्जिट पोल’ के जरिए नौकरशाही को संकेत भेजने का आरोप लगाया और मतगणना संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह करते हुए निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया।

अपने जवाबी हमले में, भाजपा ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारत की चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है और आयोग से मतों की गिनती के दौरान ‘हिंसा और अशांति’ के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए कहा है।

क्या कांग्रेस दे पाएगी भाजपा को चुनौती

बहरहाल, अब तो नतीजे ही बताएंगे कि क्या 2014 के बाद से देशभर में लगातार कमजोर होती जा रही कांग्रेस के संगठन और नेतृत्व में भाजपा को चुनौती देने की क्षमता है। लगातार दो लोकसभा चुनावों में वह मुख्य विपक्षी दल का दर्जा पाने तक में भी विफल रही है और वह कुछ राज्यों तक सिमट कर रह गई है।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और मुख्य प्रचारक राहुल गांधी समेत पार्टी नेताओं ने दावा किया है कि 543 सदस्यीय लोकसभा में उनके गठबंधन को 295 सीटें मिलेंगी और इसके साथ ही मोदी युग का अंत हो जाएगा।

INDIA गठबंधन के दावों पर खरे उतरेंगे लोकसभा चुनाव के परिणाम?

‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं का दावा है कि उनका गठबंधन जन कल्याण को केंद्र में रखकर और संविधान व आरक्षण पर कथित खतरे के इर्द-गिर्द चुनावी विमर्श को आकार देने में सफल रहा और उसे जनता का समर्थन मिलेगा।

PM मोदी करेंगे नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी? या अटल बिहारी जैसा होगा हाल

भाजपा अगर सत्ता में आती है, तो मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के उस रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे, जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी को लगातार तीन चुनावी जीत दिलाई थी। अगर वह विफल होते हैं, तो वह रिकॉर्ड से चूक जाएंगे।

विपक्षी दलों ने इस चुनाव में अक्सर यह दलील दी है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे 2004 के तर्ज पर आएंगे। साल 2004 के चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने ‘फील गुड फैक्टर’ और ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा दिया था और प्रचार माध्यमों से एक ऐसा माहौल बनाया गया था कि वह सत्ता में लौट ही रहे हैं, लेकिन जब नतीजे आए तो उसे हार का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी।

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बढ़ेगी भाजपा की ताकत?

बहरहाल, इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ क्रमश: तृणमूल कांग्रेस (TMC), बीजू जनता दल (BJD) और YSR कांग्रेस सहित कई क्षेत्रीय दलों के अलावा वाम दलों के भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है।

मोदी ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में ताकत बढ़ाने के भाजपा के प्रयासों का नेतृत्व किया है और इस बार उसे इन दोनों ही राज्यों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में ओडिशा में भाजपा दूसरी सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभरी थी, वहीं इस बार एग्जिट पोल के अनुमानों में इन दोनों ही राज्यों में भाजपा को शीर्ष पर दिखाया गया है।

ओडिशा में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ ही हुए हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में वर्ष 2000 से राज्य की सत्ता पर काबिज बीजद और भाजपा के बीच इस बार सत्ता के लिए कड़ा मुकाबला है।

इसके साथ ही YSRCP शासित आंध्र प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव हुए हैं। इस राज्य में भाजपा ने तेदेपा के साथ गठबंधन किया है। एक और मुद्दा जिसने इस चुनाव सुर्खियां बटोरीं, वह यह है कि क्या भाजपा तमिलनाडु और वाम शासित केरल में एक मजबूत ताकत के रूप में उभर पाएगी।

इन दोनों ही राज्यों में वर्तमान में उसके पास कोई सीट नहीं है। इस बार उसके इन दोनों राज्यों में कुछ सीटें जीतने का अनुमान जताया गया है। सत्ता में वापसी को लेकर हमेशा से आश्वस्त रहे मोदी नतीजों से पहले ही देश के लिए अपने विजन के बारे में एक लेख लिख चुके हैं और ‘एक्स’ पर पोस्ट कर चुके हैं।

इसमें उन्होंने दावा किया है कि लोगों ने राजग को समर्थन और विपक्ष को खारिज किया है। चुनाव के नतीजे शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे क्षेत्रीय दिग्गजों की किस्मत भी तय करेंगे। दोनों ही नेताओं के नेतृत्व वाली पार्टियां में टूट हो गई और टूट को अंजाम देने वाले धड़ों ने भाजपा से हाथ मिला लिया। महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा के दोनों गुटों ने जनता का समर्थन हासिल करने के लिए इस चुनाव में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था।

First Published - June 3, 2024 | 7:46 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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