मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीते दिनों एक सभा के दौरान मंच से उतरते वक्त एक कांग्रेस कार्यकर्ता का हाथ पकड़कर कहा, ‘मैंने तुम्हारे पिताजी के साथ बहुत काम किया है।’ जैसे ही युवक उनके पैर छूने के लिए झुका, 70 वर्षीय सिंह ने उसे गले से लगा लिया और इस बीच नीचे खड़े लोगों ने जयकारा लगाया, ‘राजा साहब की जय’।
छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाओं के दौरान सिंह मतदाताओं से कह रहे हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव है और वह हमेशा उन लोगों के लिए उपलब्ध रहेंगे। सिंह यह याद दिला रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह नहीं है, जो दिल्ली में बैठते हैं और उन लोगों की परेशानियों के समाधान के लिए वहां मौजूद नहीं रहते हैं।
तेज धूप के बावजूद सिंह थके हुए नहीं दिख रहे हैं और आम लोगों से कह रहे हैं, ‘यह मेरा आखिरी चुनाव है। मुझे पांच साल दीजिए मैं आप लोगों के जीवन में बदलाव ला दूंगा।’
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कहती है उम्मीदवार को मत देखो बल्कि नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट करो। अरे भाई! अगर मोदी जी को देखते तो बनारस से चुनाव लड़ते, या वह यहां राजगढ़ से लड़ते। अगर आपको कोई परेशानी हुई तो आप मोदीजी के पास थोड़े ही जाओगे, आप लोग तो अपने सांसद के पास जाओगे, लेकिन यहां के सांसद तो दिखते ही नहीं हैं। राजगढ़ संसदीय क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था मगर बीते कुछ चुनावों में यह भारतीय जनता पार्टी की सीट हो गई है। फिलहाल यहां के सांसद रोडमल नागर हैं, जो साल 2014 और 2019 के चुनाव यहां से जीते हैं। राजगढ़ में आठ विधान सभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 6 सीटों पर भाजपा के विधायक हैं और कांग्रेस के महज दो सीटों- राघोगढ़ और सुसनेर (अगर-मालवा जिले में) पर विधायक हैं।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक माने जाने वाले दिग्विजय सिंह आमलोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह मध्य प्रदेश में उनके मुख्यमंत्री बनने के समय से ही उनकी खासियत रही है। बीच-बीच में वह लोगों को यह भी याद दिलाते रहते हैं कि साल 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी मगर मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में बनी वह सरकार कुछ लोगों के विश्वासघात के कारण गिर गई।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह की याद दिलाते हुए सिंह ने कहा, ‘हमारे यहां जो आता है उसको पहली लाइन में बिठाते हैं, लेकिन भाजपा के यहां जाने वालों को आखिरी लाइन में ढकेल दिया जाता है।’ सिंधिया के कारण ही मध्य प्रदेश में सरकार कुछ दिनों में ही गिर गई थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अभी भी एक सच्चा संगठन है, लेकिन मोदी जिस परिवार की बात कर रहे हैं वह बदमाशों का परिवार है।
वह कहते हैं, ‘भ्रष्टाचार के आरोप वाले सभी कांग्रेस नेता भाजपा में जाने के बाद बड़े-बड़े पदों पर बिठा दिए गए हैं। चाहे वह असम के मुख्यमंत्री हों या महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री।’ पहले भाजपा कहती थी कि हम कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे, लेकिन अब कांग्रेस युक्त भाजपा बनाने पर तुली है।
मीणा समुदाय के वर्चस्व वाले दूसरे गांव भैंसवा में पहुंचने पर सिंह अपनी गाड़ी एक छोटे मंदिर के पास खड़ी करते हैं। सिंह कहते हैं, ‘भाजपा कहती है प्रभु श्रीराम मेरे खिलाफ लड़ रहे हैं। आप मुझे बताइए अगर प्रभु श्रीराम मेरे खिलाफ लड़ते तो क्या मैं कभी नामांकन दाखिल करता। राघोगढ़ में (राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत वह इलाका है जहां सिंह की संपत्ति है) राघवजी का 400 वर्ष पुराना एक मंदिर है। वहां एक अखंड दीप जल रहा है। प्रभु श्रीराम की पूजा कौन नहीं करता है, लेकिन भाजपा मुझे हिंदू विरोधी और राम विरोधी बताती है।’
सिंह मुख्य तौर पर किसानों को प्रधानमंत्री मोदी के विफल वादों की याद दिलाते हैं कि कैसे प्रदेश भाजपा और केंद्र सरकार ने राज्य के विधान सभा चुनावों के दौरान मत हासिल करने के लिए लाडली बहना योजना का इस्तेमाल किया, लेकिन चुनाव के तुरंत बाद लाभार्थियों का नाम हटाना शुरू कर दिया। सिंह युवा पेशेवरों की एक टीम के सहारे एक संगठित अभियान चला रहे हैं, जो युवाओं से जुड़ने के लिए एक कॉल सेंटर भी चला रही है, जिन्हें प्रभावित करना उनके लिए मुश्किल हो सकता है।
वहां से करीब 20 किलोमीटर दूर सिंह की पत्नी और पूर्व पत्रकार अमृता सिंह भी केसरियाबे गांव में ग्रामीण महिलाओं के घर-घर जाकर और उनके साथ बैठकर अपने पति के लिए प्रचार कर रही हैं। वह भी यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि कांग्रेस कैसे महिलाओं को सशक्त बनाएगी और उन्हें मासिक भत्ता भी देगी और महिलाएं उन्हें अपनी परेशानियों से अवगत कराती हैं। जब वह ग्रामीण महिलाओं के गहनों की बात करती हैं तो उनका जुड़ाव उन लोगों के साथ तुरंत बन जाता है।
अंत में अमृता सिंह एक प्रसिद्ध हिंदी गाना गाते हुए कहती हैं, ‘कांग्रेस नाल रहोगे तो ऐश करोगे।’
अब मैं 77 वर्ष का हो गया हूं। एक वक्त पर आपको संन्यास लेना पड़ता है। देखते हैं। फिलहाल यह मेरा आखिरी चुनाव है।
उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने धमकाया था। उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। वह एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह एक बहुत प्रसिद्ध विधि संस्थान चलाते हैं और एक प्रतिबद्ध कांग्रेस परिवार उनके दबाव में आ गया।
आरोप लग रहे हैं कि कांग्रेस बाहरी लोगों को अधिक तवज्जो दे रही है। कन्हैया कुमार जैसे लोगों को बाहरी बताया जा रहा है।
भाजपा क्या कर रही है। हम सिर्फ उन्हें पार्टी में स्थान दे रहे हैं। भाजपा तो बाहरी लोगों को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तक बना रही है और उन सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप तक हैं।
एक भी कारण बताना मुश्किल है। यह अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होता है। लेकिन, एक बात जो मुझे चकित कर रही है वह यह है कि निर्वाचन आयोग मतदान प्रतिशत को संशोधित कर रहा है। इससे पूरी प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग गया है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस का लगातार पतन हो रहा है।
यह युवाओं के जरिये होगा। हमारे पास कई युवा नेता हैं जो काफी प्रतिभावान हैं। उन्हें सिर्फ मार्गदर्शन की जरूरत है और मैं इसके लिए हमेशा तैयार हूं।
इस बार हम कई सीटों पर मुकाबले में हैं और साल 2019 से बेहतर प्रदर्शन करेंगे।