आम तौर पर पांच साल में एक बार आने वाले आम चुनावों में सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियां जमीन-आसमान एक कर देती हैं। उनके नेता भी आजकल आसमान के खूब चक्कर लगा रहे हैं। भीड़ भरी सड़कों से बचते हुए कम वक्त में ज्यादा से ज्यादा जगहों पर रैलियां करने के लिए इससे बेहतर कोई और जरिया नहीं है, इसलिए हेलीकॉप्टर नेताओं की पसंदीदा सवारी है। मगर भीड़ से बचने का यह तरीका खासा महंगा पड़ता है। किराये पर काफी कम हेलीकॉप्टर उपलब्ध हैं, इसलिए उनके लिए आपाधापी मची है और किराया भी छह महीने पहले के मुकाबले 15-20 फीसदी बढ़ गया है।
उद्योग सूत्रों ने कहा कि मांग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किराये के सभी हेलीकॉप्टर महीनों पहले ही बुक हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने सबसे ज्यादा हेलीकॉप्टर बुक किए हैं।
सूत्रों के मुताबिक 2019 के आम चुनावों की तुलना में इस बार हेलीकॉप्टरों की मांग और किराये में कई गुना इजाफा हो गया है। इस समय एक इंजन वाले हेलीकॉप्टर का किराया 18 डॉलर (करीब 1,500 रुपये) प्रति मिनट है और दो इंजन वाला हेलीकॉप्टर 35 डॉलर (करीब 3,000 रुपये) प्रति मिनट पर मिल रहा है। सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर बुकिंग दिल्ली से की गई हैं।
भारत में सबसे ज्यादा विमान किराये पर देने वाली कंपनी जेटसेटगो की संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी कणिका टिकरीवाल ने कहा कि प्राइवेट जेट (विमान) की मांग ठहरी हुई है और उनके किराये में भी साल भर से कोई बदलाव नहीं आया है।
उन्होंने कहा, ‘देश भर में विमानों के जरिये यातायात संपर्क बहुत बढ़ गया है। चुनाव के दिनों में राजनेता आम विमानों में सफर करना पसंद करते हैं ताकि उड़ान के दौरान लोगों से आसानी से मिला-जुला जा सके।’ टिकरीवाल ने कहा कि हेलीकॉप्टरों का किराया 6 से 12 महीने पहले के मुकाबले 15 फीसदी तक बढ़ गया है। देश में दो-इंजन वाले हेलीकॉप्टर कम हैं और उनकी मांग बहुत ज्यादा है, इसलिए उनका किराया भी ज्यादा बढ़ा है।
चुनावों के दिनों में हेलीकॉप्टरों का किराया हमेशा ही बढ़ जाता है। गैर-लाभकारी संगठन रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार इस समय देश में करीब 254 हेलीकॉप्टर किराये के लिए हैं, जबकि अमेरिका में ऐसे करीब 15,000 हेलीकॉप्टर हैं।
भारत में 254 में से 190 हेलीकॉप्टर सार्वजनिक क्षेत्र, रक्षा, कंपनियों और विदेशी मिशन के लिए हैं। इसलिए चुनावों के दौरान किराये पर 60-70 हेलीकॉप्टर ही मिल पाते हैं। रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ए एस बुटोला ने कहा, ‘कई महीनों से एक भी हेलीकॉप्टर बुकिंग के लिए नहीं है। ज्यादातर हेलीकॉप्टर 6 महीने पहले ही बुक हो चुके थे।’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगस्त 2023 में यही बात कही थी। उन्होंने कहा था कि लोक सभा चुनावों के लिए भाजपा ने सभी हेलीकॉप्टर पहले ही बुक करा लिए हैं। ममता ने कहा था, ‘भाजपा ने लोक सभा चुनाव से पहले ही सारे हेलीकॉप्टर बुक कर लिए हैं ताकि दूसरी पार्टियों को हेलीकॉप्टर मिल ही नहीं पाएं।’
सूत्रों ने बताया कि सभी हेलीकॉप्टर बुक हो चुके हैं और कुछ राजनीतिक पार्टियों को एक भी हेलीकॉप्टर मयस्सर नहीं हो पाया है।
प्राइवेट जेट देने वाली चेन्नई की कंपनी चार्टर फ्लाइट्स एविएशन में भारत के मिशन कंट्रोलर विनीश पॉल ने कहा, ‘वीआईपी के आने-जाने के लिए आम तौर पर दो इंजन वाले हेलीकॉप्टर इस्तेमाल किए जाते हैं। एक हेलीकॉप्टर सामान्य तौर पर महीने में 40 घंटे उड़ान भरता है। चुनावों के दौरान उड़ान के घंटे बढ़कर 80 या 90 और कई बार तो इससे भी ज्यादा हो जाते हैं। उड़ान का समय बढ़ता है तो कंपनियों की कमाई भी बढ़ती है।’
चेन्नई में प्राइवेट जेट का किराया 3.4 लाख से 6.4 लाख रुपये प्रति घंटा है। एक इंजन वाले हेलीकॉप्टर का किराया 1.2 लाख रुपये प्रति घंटा और दो इंजन वाले हेलीकॉप्टर का किराया 2.86 लाख रुपये प्रति घंटे से शुरू होता है। भारत के हेलीकॉप्टर उद्योग की प्रमुख कंपनियों में पवन हंस, ग्लोबल विक्ट्रा, हेलिगो चार्टर्स और हेरिटेज एविएशन शामिल हैं।
देश में हेलीकॉप्टर चलाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार ब्लेड इंडिया के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अमित दत्ता ने कहा, ‘ऐसा मौका (लोक सभा चुनाव) पांच साल में एक बार आता है। हेलीकॉप्टरों की भारी किल्लत है, प्राइवेट विमान और हेलीकॉप्टर सब बुक हो चुके हैं।’
दत्ता ने कहा कि हेलीकॉप्टर और विमान किराये पर देने वाली लगभग सभी कंपनियों के लिए यह सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा कि देश में मौजूद 80 फीसदी हेलीकॉप्टर तेल एवं गैस क्षेत्र के काम में लगे हुए हैं, जो इनकी किल्लत की बड़ी वजह है।