मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग इस वर्ष चुनाव के दौरान डीपफेक और एआई से तैयार होने वाली फर्जी सामग्री पर अंकुश लगाने में प्रभावी तरीके से कामयाब रहा। लोक सभा चुनाव के लिए मतगणना से एक दिन पहले कुमार ने सोमवार को कहा, ‘फर्जी सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए आयोग एक साल से अपने अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहा था, उसका सकारात्मक नतीजा सबके सामने है।’
राजीव कुमार ने कहा, ‘इस प्रशिक्षण के दौरान डीएम समेत पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों को स्पष्ट कहा गया कि जैसे ही कोई फर्जी घटना का मामला सामने आए, फौरन आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करें और जितनी जल्दी हो सके, उसे पकड़ें।’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग के प्रयास रंग लाए। पूरे आम चुनाव के दौरान हम बड़ी मात्रा में एआई से तैयार फर्जी सामग्री के प्रसार को रोकने में कामयाब रहे।
उन्होंने कहा, ‘जब चुनाव शुरू हुआ था तो हम इस बात को लेकर बहुत चिंतित थे कि किस प्रकार की एआई सामग्री चुनावों को प्रभावित करेगी, क्योंकि, ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे थे कि किसी की फोटो और किसी अन्य आवाज का इस्तेमाल कर नई सामग्री तैयार कर प्रसारित हो रही थी। अच्छी बात यह है कि हम ऐसी भ्रामक सामग्री का प्रसार रोकने में काफी हद तक कामयाब रहे और ऐसी सामग्री की मात्रा काफी कम हो गई।’
चुनाव के दौरान डीपफेक और एआई से तैयार फर्जी सामग्री के प्रभाव को कुंद करने के लिए निर्वाचन आयोग ने कई कदम उठाए थे। मई 2024 में आयोग ने राजनीतिक दलों को अपने सोशल मीडिया खातों से फर्जी सामग्री हटाने के सख्त निर्देश दिए थे। आयोग ने कहा था कि जैसे ही किसी फर्जी सूचना की खबर दलों की नजर में आती है, उसे 3 घंटे के अंदर सोशल मीडिया मंच से हटा दिया जाए।