भारतीय जनता पार्टी ने अपनी प्रतिबद्धताओं में कई बुनियादी ढांचा पहल का वादा किया है। इनमें से कई योजनाओं पर पहले से काम चल रहा है। भाजपा ने कहा, ‘हम पहले बुलेट ट्रेन गलियारे का निर्माण कर रहे हैं। इससे मिले अब तक के अनुभव से हम उत्तर, दक्षिण व पूर्वी भारत में बुलेट ट्रेन गलियारों की व्यवहार्यता के अध्ययन की पहल करेंगे।’
अभी बन रहे 508 किलोमीटर लंबे गलियारे को 1.08 लाख करोड़ रुपये की लागत से 2022 में पूरा किया जाना था, लेकिन उम्मीद है कि इसमें कम से कम 6 साल की देरी होगी, जिसकी वजह राजनीतिक मतभेद और तकनीकी देरी है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने खबर दी थी कि नए बुलेट ट्रेन गलियारे भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में शामिल किए जा सकते हैं। बहरहाल 7 बुलेट ट्रेन गलियारों का व्यवहार्यता अध्ययन 2 साल से ज्यादा समय से चल रहा है और उनमें से कुछ का काम पूरा भी हो चुका है।
साल 2022 में केंद्र ने संसद में कहा था कि 7 गलियारों- दिल्ली-वाराणसी (813 किलोमीटर), दिल्ली-अहमदाबाद (878 किलोमीटर), मुंबई-नागपुर (765 किलोमीटर), मुंबई-हैदराबाद (671 किलोमीटर), चेन्नई-बेंगलूरु-मैसूर (435 किलोमीटर), दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर (459 किलोमीटर), वाराणसी-हावड़ा (760 किलोमीटर) पर अभी विचार चल रहा है।
घोषणापत्र में कहा गया है कि यात्रियों को लाने-ले जाने की क्षमता में 2030 तक विस्तार किया जाएगा और इससे वेटिंग लिस्ट उल्लेखनीय रूप से कम हो जाएगी।
कोविड-19 से ही रेल मंत्रालय कई लाख करोड़ रुपये की योजना पर काम कर रहा है, ताकि रेल पटरियों पर कंजेशन की स्थिति खत्म की जा सके, जिससे सुरक्षा संबंधी विफलताएं भी सामने आई हैं। केंद्र सरकार रेल ट्रैक बनाने के साथ नया बुनियादी ढांचा भी तैयार कर रही है, जिससे कोयले की बढ़ती मांग पूरी की जा सके।
भाजपा ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, नमो भारत रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर, अत्याधुनिक स्लीपर कोच ट्रेन अमृत भारत का भी वादा किया है।
हर वित्त वर्ष में 10,000 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण के बाद भाजपा ने अब गांवों को जोड़ने के लिए ग्राम सड़क योजना का वादा किया है।
भाजपा ने कहा, ‘हम 15,000 किलोमीटर एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवेज के माध्यम से आधुनिक सड़क कनेक्टिविटी मजबूत करेंगे। हम प्रमुख बड़े शहरों में रिंग रोड बनाएंगे और शहरों को जाम से मुक्त कर आवाजाही दुरुस्त करेंगे।’