facebookmetapixel
Vodafone Idea Q2 results: घाटा कम होकर ₹5,524 करोड़ पर आया, रेवेन्यू 2.4% बढ़ाअमेरिका में ट्रंप के टैरिफ पर सुप्रीम कोर्ट का केस बढ़ा सकता है भारत की चिंता, व्यापार समझौते पर बड़ा खतराबजट-पूर्व बैठक में एक्सपर्ट्स ने कृषि सेक्टर में R&D के लिए ज्यादा धनराशि पर जोर दियाअगर बैंक ने ज्यादा पैसे काट लिए या शिकायत पर जवाब नहीं दिया, ऐसे घर बैठे करें फ्री में कंप्लेंटBihar Election 2025: दूसरे चरण में 3.7 करोड़ मतदाता 122 सीटों पर करेंगे 1,302 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसलाBandhan MF ने उतारा नया हेल्थकेयर फंड, ₹100 की SIP से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसा?Explained: AQI 50 पर सांस लेने से आपके फेफड़ों और शरीर को कैसा महसूस होता है?अगर इंश्योरेंस क्लेम हो गया रिजेक्ट तो घबराएं नहीं! अब IRDAI का ‘बीमा भरोसा पोर्टल’ दिलाएगा समाधानइन 11 IPOs में Mutual Funds ने झोंके ₹8,752 करोड़; स्मॉल-कैप की ग्रोथ पोटेंशियल पर भरोसा बरकरारPM Kisan Yojana: e-KYC अपडेट न कराने पर रुक सकती है 21वीं किस्त, जानें कैसे करें चेक और सुधार

अमित शाह ने दिया UCC और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर बयान, कहा- पांच साल के भीतर हो जाएगा लागू

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,, ‘मेरा मानना है कि समान नागरिक संहिता एक बड़ा सामाजिक, कानूनी और धार्मिक सुधार है।'

Last Updated- May 26, 2024 | 4:48 PM IST
Amit Shah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने पर सभी पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद अगले पांच वर्ष के भीतर पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी। शाह ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगली सरकार अपने अगले कार्यकाल में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करेगी क्योंकि देश में एक साथ चुनाव कराने का समय आ गया है।

एक राष्ट्र-एक चुनाव पर क्या बोले अमित शाह

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से खर्च भी कम होगा। चुनाव को सर्दियों या साल के किसी अन्य समय में आयोजित करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा, ‘इस पर विचार किया जा सकता है। यदि हम कोई एक चुनाव प्रीपोन (निर्धारित समय से पूर्व) कराते हैं तो यह किया जा सकता है। यह किया भी जाना चाहिए। यह छात्रों की छुट्टी का समय भी होता है। यह बहुत सारी समस्याएं भी पैदा करता है। समय के साथ, चुनाव (लोकसभा) धीरे-धीरे इस अवधि (गर्मियों के दौरान) में होने लग गए।’

UCC यानी समान नागरिक संहिता पर क्या है मोदी सरकार का प्लान

समान नागरिक संहिता के बारे में बात करते हुए शाह ने कहा, ‘समान नागरिक संहिता एक जिम्मेदारी है जो हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा स्वतंत्रता के बाद से हमारी संसद और हमारे देश के राज्य विधानसभाओं पर छोड़ी गई है।’

उन्होंने कहा, ‘संविधान सभा ने हमारे लिए जो मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए थे, उनमें समान नागरिक संहिता शामिल है। और उस वक्त भी के एम मुंशी, राजेंद्र बाबू, आंबेडकर जी जैसे कानूनविदों ने कहा था कि एक पंथनिरपेक्ष देश के अंदर धर्म के आधार पर कानून नहीं होना चाहिए। एक समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।’

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भरतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तराखंड में एक प्रयोग किया है, क्योंकि वहां बहुमत की सरकार है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र के साथ यह राज्यों का भी विषय है।

समान नागरिक संंहिता से क्या फायदा

शाह ने कहा, ‘मेरा मानना है कि समान नागरिक संहिता एक बड़ा सामाजिक, कानूनी और धार्मिक सुधार है। उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए गए कानून की सामाजिक और कानूनी जांच होनी चाहिए। धार्मिक नेताओं से भी सलाह ली जानी चाहिए।’

उत्तराखंड की तर्ज पर होगा देशभर का UCC?

उन्होंने कहा, ‘मेरे कहने का मतलब है कि इस पर एक व्यापक बहस होनी चाहिए… और इस व्यापक बहस के बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए गए मॉडल कानून में कुछ परिवर्तन करना है या नहीं…तय किया जाना चाहिए। क्योंकि कोई न कोई कोर्ट में जाएगा ही जाएगा। न्यायपालिका का अभिप्राय भी सामने आएगा।’

उन्होंने कहा, ‘उसके बाद देश के विधानमंडलों में और संसद को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए और हां…कानून जरूर बनना चाहिए। इसलिए हमने इसे अपने संकल्प पत्र में रखा है। भाजपा का लक्ष्य है कि पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता हो। यह पूछे जाने पर कि क्या यह अगले पांच साल में हो सकता है, शाह ने कहा कि यह अगले पांच साल में ही होगा। उन्होंने कहा, ‘पांच साल का समय पर्याप्त है।’

एक राष्ट्र, एक चुनाव पर होगी सदन में चर्चा

एक साथ चुनाव के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि हम ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कराने (लागू करने) का पूरा प्रयास करेंगे और इस पर भी चर्चा होानी चाहिये।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने (पूर्व राष्ट्रपति) रामनाथ कोविंद (की अध्यक्षता में) कमेटी गठित की है। मैं भी इसका सदस्य हूं। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। समय आ गया कि देश में एक साथ चुनाव होने चाहिए।’

यह पूछे जाने पर कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो क्या इस पर विधेयक को अगले सत्र में पेश किया जा सकता है, शाह ने कहा, ‘हमारा संकल्प पत्र पांच साल का होता है और हम उसमें लेकर आएंगे।’

भाजपा के घोषणापत्र में भी UCC और एक राष्ट्र, एक चुनाव की चर्चा

भाजपा ने वर्तमान लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता को राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

घोषणापत्र में कहा गया है, ‘भाजपा का मानना है कि जब तक भारत एक समान नागरिक संहिता को नहीं अपनाता है, तब तक लैंगिक समानता नहीं हो सकती है, जो सभी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करती है, और भाजपा एक समान नागरिक संहिता बनाने, सर्वोत्तम परंपराओं को आकर्षित करने तथा आधुनिक समय के साथ सामंजस्य स्थापित करने के अपने रुख को दोहराती है।’

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के बारे में भाजपा के घोषणापत्र में उल्लेख किया गया है कि मोदी सरकार ने एक साथ चुनाव कराने के मुद्दों की जांच के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था और यह समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन की दिशा में काम करेगी। पार्टी ने सभी स्तरों के चुनाव के लिए एक समान मतदाता सूची के प्रावधान का भी वादा किया है।

First Published - May 26, 2024 | 4:48 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट