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गहलोत सरकार ने चुनाव से पहले घोषणाएं करके लोगों को मूर्ख बनाया: दीया कुमारी

भाजपा ने भैरों सिंह शेखावत के दामाद और पांच बार के विधायक नरपत सिंह राजवी को उनकी वर्तमान विद्याधर नगर सीट से टिकट नहीं दिया है।

Last Updated- October 23, 2023 | 6:59 PM IST
Lok Sabha Elections

पूर्व राजपरिवार की सदस्य और विद्याधर नगर से भाजपा उम्मीदवार दीया कुमारी ने राजस्थान में कांग्रेस के चुनावी नारे “काम किया दिल से, कांग्रेस फिर से” को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि सरकार चुनाव से कुछ महीने पहले घोषणाएं करके “लोगों को मूर्ख” नहीं बना सकती।

राजसमंद से भाजपा सांसद ने ‘पीटीआई–भाषा’ के साथ बातचीत में विद्याधर नगर सीट पर नरपत सिंह राजवी के बजाय उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि “ऐसी चीजें होती रहती हैं। यह हर चुनाव में होता है। पार्टी एक परिवार की तरह काम करती है और जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा।”

भाजपा ने भैरों सिंह शेखावत के दामाद और पांच बार के विधायक नरपत सिंह राजवी को उनकी वर्तमान विद्याधर नगर सीट से टिकट नहीं दिया है। पार्टी ने उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची में राजवी को चित्तौड़गढ़ सीट से उतारा है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार पिछले कुछ महीने के दौरान शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा कर रही है।

पार्टी का चुनावी नारा “काम किया दिल से, कांग्रेस फिर से” भी इसी पर केंद्रित है। दीया कुमारी ने सत्ता के लिए अशोक गहलोत-सचिन पायलट के बीच खींचतान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, “पता नहीं, वे क्या बात कर रहे हैं और क्या सपना देख रहे हैं। राजस्थान के लोग पिछले पांच साल में पूरी तरह से तंग आ चुके हैं। उनकी आंतरिक लड़ाई के कारण राजस्थान में कोई काम नहीं हुआ।”

उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में कांग्रेस ने राजस्थान के लोगों को लुभाने की बहुत कोशिश की। भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ”मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने चुनाव से पहले कई घोषणाएं और वादे करके अति कर दी, लेकिन कुछ भी धरातल पर नहीं दिख रहा है और जनता को इसका लाभ नहीं मिला है।’’

उन्होंने कहा, “आप (गहलोत सरकार) अंतिम तीन-चार महीनों में घोषणाएं करके लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते… जनता बहुत समझदार हैं और सोच समझकर वोट देती है। उनके (कांग्रेस के) पास समय था लेकिन उन्होंने इसका उपयोग नहीं किया। अब, ऐसी बातें करना सही नहीं है। इससे कुछ नहीं होगा।”

पहले सवाई माधोपुर से विधायक रह चुकीं दीया कुमारी फिलहाल राजसमंद लोकसभा सीट से सांसद हैं। भाजपा द्वारा विद्याधर नगर से दीया कुमारी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने राजवी का टिकट काटने का विरोध किया। बाद में पार्टी ने राजवी को चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया।

इस बारे में पूछे जाने पर दीया कुमारी ने कहा कि चुनाव के दौरान कई मुद्दे सामने आते हैं लेकिन उन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सामूहिक ध्यान राज्य में भाजपा सरकार बनाने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में महिलाओं पर अत्याचार, कानून व्यवस्था की विफलता, पेपर लीक, बेरोजगारी और महंगे पेट्रोल डीजल आदि कुछ प्रमुख मुद्दे हैं जिनको वह आने वाले दिनों में अपनी आम सभाओं में प्रमुखता से उठाएंगी। दीया कुमारी ने आरोप लगाया “उन्होंने (कांग्रेस सरकार ने) बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। अब तक उन्होंने किसी को कुछ नहीं दिया… उन्होंने आम लोगों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने बड़े-बड़े दावे किए लेकिन हकीकत में किसी को इसका लाभ नहीं मिला।”

उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा चुनाव जीतकर राज्य में सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि वह केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए कार्यों का प्रचार करके विद्याधर नगर सीट पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगी और यह संदेश फैलाएंगी कि केंद्र ने धन दिया लेकिन राज्य सरकार ने उसका उपायोग नहीं किया। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को कांग्रेस ने चुनावी मुद्दा बनाया है।

ईआरसीपी पर दीया कुमारी ने दावा किया कि केंद्र को दोष देना बहुत आसान है लेकिन राज्य सरकार को अपनी कमियां स्वीकार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) राज्य की पिछली भाजपा सरकार ने तैयार की थी, इससे परियोजना पर उनकी पार्टी की सोच का पता चलता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने अंतर-राज्य सरकारी समझौतों पर कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी महत्वाकांक्षी परियोजना है जिससे लगभग दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी और पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पीने के पानी की समस्या दूर होगी।

First Published - October 23, 2023 | 6:59 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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