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मोदी का वार, कांग्रेस ने किया पलटवार

Lok Sabha elections: अपने घोषणा पत्र की आलोचना पर कांग्रेस ने लगाया आरोप, ‘हिंदू-मुसलमान की स्क्रिप्ट’ पर उतर आए हैं मोदी

Last Updated- April 08, 2024 | 11:32 PM IST
Prime Minister Modi

छत्तीसगढ़ में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक बार फिर कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग की छाप होने की बात कहकर विपक्षी दल पर निशाना साधा।

इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि उसके चुनावी घोषणा पत्र को चारों ओर से मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डर गए हैं। वह भाजपा के जीतने की धूमिल होती संभावनाओं और 180 सीट भी नहीं जीत पाने की आशंका से इतने घबरा गए हैं कि ‘हिंदू-मुसलमान की स्क्रिप्ट’ पर उतर आए हैं।

कांग्रेस ने दावा किया कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए उसके घोषणा पत्र को अब तक रीपोस्ट समेत 25 करोड़ व्यूज मिल चुके हैं। कांग्रेस ने न्याय पत्र शीर्षक से अपना घोषणा पत्र बीते शुक्रवार को जारी किया था।

पार्टी ने कहा कि उसे अपने घोषणा पत्र पर लगभग एक लाख सुझाव और प्रतिक्रियाएं मिली हैं। तीन हजार लोगों ने राहुल गांधी को विस्तृत ईमेल लिखकर अपने सुझाव दिए हैं। पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी के इंस्टाग्राम हैंडल पर जारी कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र को अब तक 2.4 करोड़ व्यूज मिल चुके हैं।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि चुनाव में भाजपा की हालत दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है। इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने पुराने मित्र मुस्लिम लीग को याद कर रहा है। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘मोदी-शाह के राजनीतिक व वैचारिक पुरखों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीयों के खिलाफ, अंग्रेजों और मुस्लिम लीग का साथ दिया था।

आज भी वे आम भारतीय नागरिकों के योगदान से बनाए गए कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ के विरुद्ध मुस्लिम लीग की दुहाई दे रहे हैं।’ उन्होंने दावा किया, ‘ मोदी-शाह के पुरखों ने 1942 में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के दौरान, महात्मा गांधी के आह्वान व मौलाना आज़ाद की अध्यक्षता वाले आंदोलन का विरोध किया।

पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह दावा भी किया कि कांग्रेस का घोषणापत्र उन सभी समस्याओं का समाधान करने की बात करता है जो मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में देश में पैदा की हैं।

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए गत 5 अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी किया जो पांच ‘न्याय’ के स्तंभ और 25 ‘गारंटी’ पर आधारित है। पार्टी ने जाति जनगणना कराने, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने, युवाओं, महिलाओं एवं किसानों के कल्याण के लिए कई वादे किए हैं।

श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘10 साल सत्ता में रहने के बाद आज जब प्रधानमंत्री को अपना रिपोर्ट कार्ड दिखाकर वोट मांगना चाहिए तो वह घबरा गए हैं। वह फिर अपनी वही घिसी-पिटी हिंदू-मुसलमान की स्क्रिप्ट पर उतर आए हैं।’

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र से प्रधानमंत्री इतने बौखलाए हुए, इतने डरे हुए, इतने भयभीत हैं कि अपनी आसन्न हार के चलते वह फिर अनर्गल बातें कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘कांग्रेस के घोषणापत्र यानी ‘न्याय पत्र’ की हर तरफ चर्चा है।

मीडिया, विशेषज्ञों और यहां तक कि हमारे विरोधियों को भी यह मानना पड़ रहा है कि ये न्याय पत्र भविष्य के लिए एक बेहतरीन खाका है जिसमें हर वर्ग की बात है। इसी व्यापक दृष्टिकोण की आज देश को जरूरत है।’

उन्होंने सवाल किया कि मुस्लिम लीग से प्रधानमंत्री मोदी का ऐसा कौन सा प्रेम है, जो बार-बार छलक उठता है? उन्होंने दावा किया, ‘असलियत यह है कि नरेंद्र मोदी का मुस्लिम लीग के प्रति प्रेम नया नहीं है।

ये वही लोग हैं जो आजादी के महासंग्राम के दौरान भी अंग्रेजों के साथ खड़े रहे, और जिन्होंने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सांप्रदायिक दरार पैदा करने का कोई मौका नहीं छोड़ा।’ श्रीनेत का कहना था, ‘जब 1942 में महात्मा (महात्मा गांधी) के आह्वान पर और मौलाना आजाद की अध्यक्षता के दौरान देश ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ आंदोलन में शामिल था, तब श्यामाप्रसाद मुखर्जी मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल, सिंध और उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत में अपनी सरकार ही नहीं चला रहे थे बल्कि अंग्रेजों को लिखकर यह भी सलाह दे रहे थे कि इस जन आंदोलन का दमन कैसे किया जाए।’

छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर तथा महाराष्ट्र के चंद्रपुर में रैलियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस ने दशकों तक गरीबों की समस्याओं की अनदेखी की। कांग्रेस के घोषणा पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप दिखाई देती है।

First Published - April 8, 2024 | 11:16 PM IST

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