facebookmetapixel
शापूरजी पलोनजी रियल एस्टेट ने पुणे में प्लॉटेड डेवलपमेंट में रखा कदम, ₹600 करोड़ की ट्रीटोपिया प्रोजेक्ट लॉन्चEditorial: मुक्त व्यापार समझौतों पर बदला भारत का रुख, अब बड़े और अहम बाजारों पर नजर जरूरीआईपीओ से पहले की तैयारी, प्रैक्टो की नजर 1 अरब डॉलर के जीएमवी परउड़ान रद्द होने के बाद किराया बढ़ाने के आरोपों पर CCI ने इंडिगो से मांगी जानकारीस्ट्रीमिंग की जंग में नेटफ्लिक्स का अगला दांव: विलय, विज्ञापन और अस्तित्व की लड़ाईसेवा निर्यात बढ़ने से घटेगा सेक्टर पर निर्भरता का खतरापेंशनधारियों के लिए खुशखबरी! बिहार में CSC सेंटर पर अब फ्री में बनेगा लाइफ सर्टिफिकेटइंस्टामार्ट पर इस साल छोटे, मझोले शहरों में ऑर्डर कई गुना बढ़े, ₹10 से लेकर 22 लाख तक के ऑर्डरYear Ender 2025: सिल्वर ईटीएफ का धमाल, अब तक दिया 128% से ज्यादा रिटर्न; अब मुनाफा बुक करें या निवेश जारी रखें?Year-End Portfolio Review 2025: पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग की जरूरत तो नहीं… इन 9 पैरामीटर से चेक करें

GDP ग्रोथ के बारे में हम निराशावादी नहीं, बल्कि चुनौतियों के प्रति सतर्क हैं; आर्थिक सर्वेक्षण के बाद CEA ने दिया बयान

Economic Survey 2024: CEA नागेश्वरन ने कहा कि पिछले 30 वर्षों के दौरान भारत 8 डॉलर से 2,500 डॉलर (प्रति व्यक्ति आय) तक का सफर पूरा कर चुका है। मगर वह दुनिया काफी अलग थी।

Last Updated- July 22, 2024 | 9:01 PM IST
Chief Economic Advisor V. Anantha Nageswaran

Economic Survey 2024: मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने आज कहा कि वह भारत की विकास संभावनाओं से उत्साहित हैं मगर सतर्क भी हैं। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है।

मुख्य आ​र्थिक सलाहकार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि क्षेत्र में नीतिगत हस्तक्षेप, नौकरी और कौशल का अंतर पाटने आदि पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हम निराशावादी नहीं हैं। वास्तव में वृद्धि के बारे में हम काफी आशावादी हैं, लेकिन चुनौतियों के प्रति सचेत भी हैं। हमने तमाम चुनौतियों की सूची तैयार की है जिसमें मॉनसून की प्रगति भी शामिल है।’

नागेश्वरन ने कहा, ‘जनवरी में हम 7 फीसदी वृद्धि दर के लिए काफी आवश्वस्त थे। मगर उसके बाद वै​श्विक माहौल में ध्रुवीकरण हो गया और वित्तीय बाजार में मूल्यांकन काफी बढ़ गया है। इसलिए हमें लगता है कि 7 फीसदी का आंकड़ा हासिल करने लायक है। मगर हम अनुमान जाहिर करते समय सतर्कता ही नहीं विवेक से भी काम लेना चाहते हैं।’

नागेश्वरन ने कहा कि पिछले 30 वर्षों के दौरान भारत 8 डॉलर से 2,500 डॉलर (प्रति व्यक्ति आय) तक का सफर पूरा कर चुका है। मगर वह दुनिया काफी अलग थी और अब वह हमें 2,500 डॉलर से 10,000 डॉलर तक नहीं ले जा सकती। उन्होंने कहा, ‘हमने यही बात आर्थिक समीक्षा में बताने का प्रयास किया है।’

मुख्य आ​र्थिक सलाहकार ने कहा कि कृ​षि क्षेत्र से वृद्धि को रफ्तार मिलेगी। जिस तरह वैश्विक वृद्धि एवं व्यापार का विकास हो रहा है और जिस प्रकार का संरक्षणवाद पनप रहा है, उसे देखते हुए वृद्धि को रफ्तार देने के लिए कृषि में अभी काफी संभावना है।

नागेश्वरन ने कहा कि कृषि में संबद्ध सेवाओं को प्रोत्साहित किया जाए और टुकड़ों में बंटी भूमि को एक साथ लाने का काम बड़े पैमाने पर हो क्योंकि 85 फीसदी से अधिक भूमि 2 हेक्टेयर या उससे छोटे टुकड़ों में है।

उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि औसत उपज में भी अंतर है। वह अंतर पाट दिया जाए तो हम न केवल घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि खाद्य वस्तुओं के प्रमुख वैश्विक निर्यातक भी बन सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि इसका हमें बहुत अधिक लाभ मिलेगा।

First Published - July 22, 2024 | 8:54 PM IST

संबंधित पोस्ट