Economic Survey 2024: मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने आज कहा कि वह भारत की विकास संभावनाओं से उत्साहित हैं मगर सतर्क भी हैं। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि क्षेत्र में नीतिगत हस्तक्षेप, नौकरी और कौशल का अंतर पाटने आदि पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हम निराशावादी नहीं हैं। वास्तव में वृद्धि के बारे में हम काफी आशावादी हैं, लेकिन चुनौतियों के प्रति सचेत भी हैं। हमने तमाम चुनौतियों की सूची तैयार की है जिसमें मॉनसून की प्रगति भी शामिल है।’
नागेश्वरन ने कहा, ‘जनवरी में हम 7 फीसदी वृद्धि दर के लिए काफी आवश्वस्त थे। मगर उसके बाद वैश्विक माहौल में ध्रुवीकरण हो गया और वित्तीय बाजार में मूल्यांकन काफी बढ़ गया है। इसलिए हमें लगता है कि 7 फीसदी का आंकड़ा हासिल करने लायक है। मगर हम अनुमान जाहिर करते समय सतर्कता ही नहीं विवेक से भी काम लेना चाहते हैं।’
नागेश्वरन ने कहा कि पिछले 30 वर्षों के दौरान भारत 8 डॉलर से 2,500 डॉलर (प्रति व्यक्ति आय) तक का सफर पूरा कर चुका है। मगर वह दुनिया काफी अलग थी और अब वह हमें 2,500 डॉलर से 10,000 डॉलर तक नहीं ले जा सकती। उन्होंने कहा, ‘हमने यही बात आर्थिक समीक्षा में बताने का प्रयास किया है।’
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि कृषि क्षेत्र से वृद्धि को रफ्तार मिलेगी। जिस तरह वैश्विक वृद्धि एवं व्यापार का विकास हो रहा है और जिस प्रकार का संरक्षणवाद पनप रहा है, उसे देखते हुए वृद्धि को रफ्तार देने के लिए कृषि में अभी काफी संभावना है।
नागेश्वरन ने कहा कि कृषि में संबद्ध सेवाओं को प्रोत्साहित किया जाए और टुकड़ों में बंटी भूमि को एक साथ लाने का काम बड़े पैमाने पर हो क्योंकि 85 फीसदी से अधिक भूमि 2 हेक्टेयर या उससे छोटे टुकड़ों में है।
उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि औसत उपज में भी अंतर है। वह अंतर पाट दिया जाए तो हम न केवल घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि खाद्य वस्तुओं के प्रमुख वैश्विक निर्यातक भी बन सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि इसका हमें बहुत अधिक लाभ मिलेगा।