भारत सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन का कार्यकाल दो साल बढ़ा दिया है। अब वे 31 मार्च 2027 तक देश की अर्थव्यवस्था की ‘ड्राइविंग सीट’ पर रहेंगे। इस फैसले की आधिकारिक पुष्टि वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने गुरुवार को की।
बजट में निभाई थी अहम भूमिका, अब सरकार को मिलेगा उनका और साथ
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया है, जिसमें नागेश्वरन की भूमिका बेहद अहम रही। दरअसल, सरकार चाहती थी कि आर्थिक फैसलों की स्थिरता बनी रहे और नीतियों में किसी तरह का बड़ा बदलाव न हो। यही वजह है कि उनका कार्यकाल दो साल और बढ़ाने का फैसला लिया गया।
कौन हैं वी अनंत नागेश्वरन?
अगर आप सोच रहे हैं कि ये नागेश्वरन कौन हैं और सरकार को इनमें इतनी दिलचस्पी क्यों है, तो जरा उनकी उपलब्धियों पर नजर डालिए। जनवरी 2022 में तीन साल के कार्यकाल के लिए CEA बनाए गए नागेश्वरन पिछले तीन सालों से लगातार भारत की आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey), जिसे हर साल बजट से पहले पेश किया जाता है, वह उनकी देखरेख में तैयार हुआ है।
इसके अलावा, वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आर्थिक टीम के सबसे अहम सदस्य रहे हैं और सरकार की बड़ी आर्थिक योजनाओं का खाका तैयार करने में उनका अहम योगदान रहा है। इससे पहले, वे 2019 से 2021 तक प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council) के सदस्य भी रह चुके हैं।
शिक्षा और करियर – किताबों से लेकर क्लासरूम और सरकार तक का सफर
वी अनंत नागेश्वरन का शैक्षणिक सफर भी बेहद शानदार रहा है। उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया है और फिर आगे की पढ़ाई यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स, अमेरिका से डॉक्टरेट के रूप में पूरी की।
सरकारी पद संभालने से पहले वे भारत और सिंगापुर के कई प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों में प्रोफेसर रह चुके हैं। वे IFMR ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन भी रह चुके हैं और Krea यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में अर्थशास्त्र पढ़ाते थे।