facebookmetapixel
ITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरेंNepal GenZ protests: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, संकट गहराया26% तक चढ़ने को तैयार Adani Green, Suzlon समेत ये 5 Energy Stocks, टेक्निकल चार्ट पर दिख रहा ब्रेकआउटसोना ₹1.1 लाख के पार, चांदी 13 साल के हाई पर: निवेशकों के लिए क्या हैं इसके मायनेUP में बड़े निवेशकों के लिए अच्छी खबर! 100 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट्स को सिर्फ 15 दिन में मिलेगी जमीनMiniratna PSU ने डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट तय की, जानिए कब और कितनी रकम मिलेगीJane Street vs SEBI: SAT ने जेन स्ट्रीट की अपील स्वीकार की, अगली सुनवाई 18 नवंबर कोVice President Elections: पीएम मोदी और राजनाथ सिंह ने डाला वोट, देश को आज ही मिलेगा नया उप राष्ट्रपतिदिवाली शॉपिंग से पहले जान लें नो-कॉस्ट EMI में छिपा है बड़ा राज

भारत में बचत दर ग्लोबल एवरेज से ज्यादा, म्युचुअल फंड निवेशकों की पहली पसंद

SBI Ecowrap रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की बचत दर 30.2% है, जो ग्लोबल एवरेज 28.2% से भी ज्यादा है। बचत के मामले में भारत चौथे स्थान पर है।

Last Updated- December 23, 2024 | 5:09 PM IST
Saving rate in India is higher than global average, first choice of mutual fund investors भारत में बचत दर ग्लोबल एवरेज से ज्यादा, म्युचुअल फंड निवेशकों की पहली पसंद

India’s Savings Rate is higher than the global average: भारत में बचत करने का चलन वर्षों पुराना है। आज भी भारत की बचत दर (Saving Rate) ग्लोबल एवरेज से ज्यादा है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की SBI Ecowrap रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की बचत दर 30.2% है, जो ग्लोबल एवरेज 28.2% से भी ज्यादा है। बचत के मामले में भारत चौथे स्थान पर है। भारत से आगे चीन, इंडोनेशिया और रूस हैं। चीन की बचत दर 46.6%, इंडोनेशिया की 38.1% और रूस की 31.7% है। यह मजबूत बचत संस्कृति देश में बढ़ती वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को दर्शाती है, जहां अब 80% से अधिक वयस्कों के पास फॉर्मल फाइनैंशियल अकाउंट हैं, जबकि 2011 में यह आंकड़ा मात्र 50% था।

घरेलू बचत का बदल रहा स्वरूप, वित्तीय साधनों की ओर बढ़ा झुकाव

विभिन्न उपायों के चलते, घरेलू बचत का स्वरूप भी बदल गया है, और अब यह वित्तीय साधनों की ओर अधिक झुकाव दिखा रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में कुल घरेलू बचत (total household savings) में शुद्ध वित्तीय बचत (net financial savings) की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो FY2014 में 36% से बढ़कर FY2021 में लगभग 52% तक पहुंच गई। हालांकि, FY2022 और FY2023 में इसमें थोड़ी गिरावट देखी गई।

FY2024 के हालिया रुझानों में भौतिक बचत (physical savings) में कमी का संकेत मिलता है, जिससे वित्तीय साधनों (financial avenues) की ओर फिर से रुझान बढ़ा है।

म्युचुअल फंड घरेलू बचत को चैनलाइज करने का टॉप ऑप्शन

वित्तीय बचत के भीतर पारंपरिक विकल्प, जैसे बैंक जमा और नकदी, की हिस्सेदारी घट रही है। वहीं, म्युचुअल फंड और इक्विटी जैसे उभरते निवेश विकल्प तेजी से घरेलू बचत का पसंदीदा विकल्प बनते जा रहे हैं।

उदाहरण के लिए, म्युचुअल फंड घरेलू बचत को चैनलाइज करने का नंबर वन विकल्प बन गए हैं, जिसमें FY2018 से नए SIP रजिस्ट्रेशन चार गुना बढ़कर 4.8 करोड़ हो गए हैं। वहीं, ‘शेयर और डिबेंचर’ में घरेलू निवेश FY2014 में जीडीपी का 0.2% था, जो FY2024 में बढ़कर 1% हो गया, और घरेलू वित्तीय बचत में 5% का योगदान कर रहा है। यह दर्शाता है कि हाउसहोल्ड सेविंग अब देश की पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने में तेजी से योगदान दे रहे हैं।

Also read: SIP में आ रहा ताबड़तोड़ निवेश, एक्सपर्ट्स से समझें- छोटे निवेश से करोड़ों कमाने के 10 आसान टिप्स

MCap में 1% की वृद्धि से GDP की ग्रोथ रेट में 0.6% की बढ़त संभव

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च बाजार पूंजीकरण (Higher MCap) एक मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत है और निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है, जो समग्र आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देता है। रिपोर्ट का दावा है कि बाजार पूंजीकरण में 1 प्रतिशत की वृद्धि से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर में 0.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है।

इसके साथ ही, रिपोर्ट ने यह भी उजागर किया कि पिछले दस वर्षों में भारतीय कंपनियों द्वारा पूंजी बाजार से जुटाई गई धनराशि 10 गुना बढ़ गई है। FY2014 में यह राशि 12,068 करोड़ रुपये थी, जो FY2025 (अक्टूबर तक) में बढ़कर 1.21 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

First Published - December 23, 2024 | 5:09 PM IST

संबंधित पोस्ट