सड़क निर्माण की ज्यादा परियोजनाएं पर जबरदस्त ढंग से निविदाएं जारी किए जाने और उन पर कार्य जारी होने के कारण सड़क व राजमार्ग के ठेकेदारों का ऋण वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में बढ़कर 30,000 करोड़ होने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष में यह ऋण 17,000 करोड़ रुपये था। यह जानकारी क्रिसिल की रिपोर्ट ने दी है।
निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए ऋण बढ़ने का प्रमुख कारण पूंजी के प्रति प्रतिबद्धता होगी। इसके अलावा कार्यशील पूंजी में वृद्धि होने के कारण भी ऋण की जरूरत होगी। क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक मोहित मखीजा ने बताया, ‘‘वित्त वर्ष 25 तक निर्माणाधीन सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के लिए कुल 21,000 करोड़ रुपये की पूंजी का अनुमान है।अगले दो वित्त वर्ष में राजस्व वृद्धि 10 से 15 फीसदी होने के अनुमान के साथ कार्यशील पूंजी की आवश्यकता बढ़ने का भी अनुमान है। इस क्रम में आत्मनिर्भर भारत के तहत नकदी की मदद मिलेगी।’’
उद्योग के अनुमान के अनुसार वर्तमान समय में पाइपलाइन में 1.5 लाख करोड़ रुपये की सड़क और राजमार्ग परियोजनाएं हैं। इनमें से ज्यादातर परियोजनाएं हाइब्रिड वार्षिक मॉडल (एचएएम) के तहत ईपीसी मोड में दी गई। केंद्र पीपीपी मॉडल के तहत निजी निवेश को और आकर्षित करने के लिए मानदंड बना रहा है।