facebookmetapixel
नवंबर में थोक महंगाई शून्य से नीचे, WPI -0.32 प्रतिशत पर रही; खाद्य तेल व दलहन पर निगरानी जरूरीई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट का मुख्यालय सिंगापुर से भारत आएगा, NCLT ने दी मंजूरीघने कोहरे और गंभीर प्रदूषण से उत्तर भारत में 220 उड़ानें रद्द, दिल्ली में कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे अम्मान, भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता का नया अध्यायपहली छमाही की उठापटक के बाद शांति, दूसरी छमाही में सेंसेक्स-निफ्टी सीमित दायरे में रहेडॉलर के मुकाबले लगातार फिसलता रुपया: लुढ़कते-लुढ़कते 90.80 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंचाभारत के निर्यात ने रचा रिकॉर्ड: 41 महीने में सबसे तेज बढ़ोतरी से व्यापार घाटा 5 महीने के निचले स्तर परमनरेगा बनेगा ‘वीबी-जी राम जी’, केंद्र सरकार लाने जा रही है नया ग्रामीण रोजगार कानूनGST कटौती का असर दिखना शुरू: खपत में तेजी और कुछ तिमाहियों तक बढ़ती रहेगी मांगविदेशी कोषों की बिकवाली और रुपये की कमजोरी का असर: शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद

Repo rate: RBI नीतिगत दर में अगले साल जुलाई के बाद करेगा कटौती, महंगाई तय करेगी फैसला

Icra ने कहा कि नीतिगत दर रेपो में वृद्धि तभी संभव है जब लगातार दो तिमाहियों में खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर बनी रहती है

Last Updated- August 14, 2023 | 8:48 PM IST
RBI Dividend: What is the reason for Reserve Bank of India giving huge dividend to the government? economists explained RBI Dividend: रिजर्व बैंक के सरकार को भारी लाभांश देने की क्या है वजह? अर्थशास्त्रियों ने समझाया

घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा (Icra) ने सोमवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अगले साल जुलाई-सितंबर तिमाही में ही नीतिगत दर में कटौती किए जाने की उम्मीद है।

एजेंसी ने यह भी कहा कि नीतिगत दर रेपो में वृद्धि तभी संभव है जब लगातार दो तिमाहियों में खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर बनी रहती है।

इक्रा ने कहा, ‘मौद्रिक नीति समिति के ताजा अनुमान के अनुसार, महंगाई दर वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में पांच प्रतिशत से ऊपर रहेगी। इसके आधार पर हमने नीतिगत दर में कटौती के पहले के अनुमान को आगे बढ़ाकर 2024-25 की दूसरी तिमाही कर दिया है।’

सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों तथा अन्य खाने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) जुलाई में उछलकर 15 महीने के उच्चस्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गयी है।

Icra की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘अगस्त, 2023 की शुरुआत में खाद्य मुद्रास्फीति का आंकड़ा बहुत आशाजनक नहीं है। हमारा अनुमान है कि अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत से ऊपर होगी। सितंबर में ही इसमें उल्लेखनीय रूप से नरमी आने की उम्मीद है।’

उन्होंनें कहा कि जुलाई में सब्जियों के साथ दाल, मसाले और अनाज के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। नायर ने कहा कि अगर सब्जियों के असर को बाहर कर दिया जाए, खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत पर आ जाएगी और अपेक्षाकृत संतोषजक स्थिति होगी।

First Published - August 14, 2023 | 8:48 PM IST

संबंधित पोस्ट