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RBI MPC Meet: आरबीआई ने रीपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव लेकिन GDP का वृद्धि अनुमान बढ़ाया

मौद्रिक नीति की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दास ने कहा कि 4 फीसदी मुद्रास्फीति के लक्ष्य तक पहुंचने का अंतिम सफर काफी कठिन है।

Last Updated- June 07, 2024 | 11:24 PM IST
RBI governor Shaktikanta Das

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने लगातार आठवीं बार रीपो दर (Repo Rate) और अपने रुख में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का निर्णय किया। मगर उसने चालू वित्त वर्ष के लिए अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान थोड़ा बढ़ाया है।

मौद्रिक नीति समिति के 4 सदस्यों ने रीपो दर और उदार रुख को वापस लेने के प्रस्ताव का समर्थन किया जबकि समिति में बाहरी सदस्यों आशिमा गोयल और जयंत वर्मा ने रीपो दर में 25 आधार अंक की कटौती करने और तटस्थ रुख पर जोर दिया। पिछली बैठक में वर्मा अकेले सदस्य थे जिन्होंने दर में कटौती के लिए आवाज उठाई थी।

मौद्रिक नीति समिति के निर्णय के बारे में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘मुद्रास्फीति में नरमी आ रही है मगर खाद्य मुद्रास्फीति अभी भी ऊंची बनी हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘हम सही दिशा में हैं मगर अभी और काम करना बाकी है।’

मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रीपो दर में 250 आधार अंक की बढ़ोतरी के बाद से आरबीआई ने दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है और उदार रुख को वापस लेने के अपने विचार पर भी अडिग रहा है।

नोमुरा में प्रबंध निदेशक और मुख्य अर्थशास्त्री (भारत और जापान को छोड़कर पूरे एशिया) सोनल वर्मा ने कहा, ‘आरबीआई की निर्णय उम्मीद के अनुरूप है मगर समिति के सदस्यों की अलग-अलग राय जरूरत चकित करती है।’

उन्होंने कहा, ‘दो बाहरी सदस्यों ने रीपो दर में कटौती के लिए वोट किया जबकि पहले केवल एक सदस्य इसके पक्ष में थे। इससे संकेत मिलता है कि आगे समिति में मतभेद बढ़ रहा है। मगर मुझे नहीं लगता कि यह दर में कटौती का संकेत है क्योंकि ऐसा करने के लिए समिति में आरबीआई के सदस्यों के विचार बदलने होंगे।’

उन्होंने कहा कि अक्टूबर में पहली बार दर में कटौती की उम्मीद है और चालू वित्त वर्ष में इसमें 75 आधार अंक की कमी आ सकती है। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक अगस्त में होगी और बाहरी सदस्यों का चार वर्षीय कार्यकाल की यह अंतिम बैठक होगी।

इस साल मॉनसून के सामान्य रहने की उम्मीद से आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है। दास ने कहा कि आधार प्रभाव के कारण दूसरी तिमाही में मुद्रास्फीति में ज्यादा गिरावट दिख सकती है मगर तीसरी तिमाही में यह रूझान बदल सकता है। दास ने कहा, ‘खाद्य कीमतों के झटके बार-बार लगने से अपस्फीति की प्रक्रिया सुस्त पड़ गई।’

मौद्रिक नीति की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दास ने कहा कि 4 फीसदी मुद्रास्फीति (Inflation) के लक्ष्य तक पहुंचने का अंतिम सफर काफी कठिन है।

जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7% से बढ़ाकर 7.2%

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा, ‘आगे जलवायु संबंधी प्रतिकूल घटनाओं के बढ़ने के कारण पैदा होने वाली चुनौतियों के कारण खाद्य मुद्रास्फीति के लिए अनिश्चितता का माहौल पैदा हो सकता है।’ दास ने इस बात को खारिज किया कि घरेलू मोर्चे पर नीति निर्धारण के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व का अनुकरण करना चाहिए।

वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी वृद्धि (GDP Growth) का अनुमान 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है। केंद्रीय बैंक ने यह संकेत देने से परहेज किया कि दर में कटौती कब शुरू होगी, लेकिन अर्थशास्त्रियों ने कहा कि नीतिगत दर में पहली कटौती 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि दर में कटौती की शुरुआत धीमी दर से होगी और यह सिर्फ 50 आधार अंक रहेगा।

गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘हम उम्मीद कर रहे हैं हैं कि दरों में कटौती की धीमी शुरुआत होगी और रिजर्व बैंक कुल 50 आधार अंक की कटौती करेगा। इसें से 25 आधार अंक की कटौती कैलेंडर वर्ष 2024 की चौथी तिमाही और इतनी ही कटौती कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली तिमाही में होगी। पहली कटौती दिसंबर 2024 की बैठक में होने की संभावना है।’

रिजर्व बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक बैंकिंग व्यवस्था में नकदी, अधिशेष से घाटे की स्थिति में आई और जून की शुरुआत में फिर अधिशेष की स्थिति बन गई।

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्रुप चीफ एडवाइजर सौम्यकांति घोष के मुताबिक इस वित्त वर्ष के दौरान नकदी का प्रबंधन सबसे अहम मसला बना रहेगा और रिजर्व बैंक नकदी प्रबंधन के साधनों के नवोन्मेषी उपाय अपनाता रहेगा। घोष ने कहा कि आगामी नीतिगत बैठकों में रिजर्व बैंक दरों को स्थिर बनाए रखेगा और वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में फिर विचार करेगा। हम उम्मीद करते हैं कि नीतिगत दर में पहली कटौती अक्टूबर 2024 में होगी।

First Published - June 7, 2024 | 10:36 PM IST

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