facebookmetapixel
BFSI Summit: भारत का वित्तीय क्षेत्र सबसे मजबूत स्थिति में, सरकार और आरबीआई ने दी जिम्मेदार वृद्धि की नसीहत2025 बनेगा भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ वर्ष, BFSI समिट में बोले विदेशी बैंकरBFSI Summit: अधिग्रहण के लिए धन मुहैया कराने में नए अवसर देख रहा है बैंकिंग उद्योगBSFI Summit: ‘एमएफआई के दबाव से जल्द बाहर निकल आएंगे स्मॉल फाइनैंस बैंक’BFSI Summit: दुनिया के शीर्ष 20 में से भारत को कम से कम 2 देसी बैंकों की जरूरतBFSI Summit: तकनीक पर सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में शुमार है स्टेट बैंक- शेट्टीBFSI Summit: वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रहे तो मुझे आश्चर्य नहीं – सीईए अनंत नागेश्वरनBFSI Summit: बीएफएसआई की मजबूती के बीच MSMEs के लोन पर जोरBFSI Summit: कारगर रहा महंगाई का लक्ष्य तय करना, अहम बदलाव की जरूरत नहीं पड़ीBFSI Summit: बढ़ती मांग से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार सुस्त

RBI MPC Meet 2024: डिपॉजिट में धीमी वृद्धि चिंता का विषय, नए उत्पाद लाएं बैंक- दास

बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी स्वर्ण ऋण जैसे अन्य गारंटी वाले कर्जों मसलन गोल्ड लोन पर ‘टॉप-अप’ ऋण की पेशकश कर रहे हैं।

Last Updated- August 08, 2024 | 1:38 PM IST
Reserve Bank Governor met the Finance Minister, discussed before the end of his tenure रिजर्व बैंक के गवर्नर ने की वित्त मंत्री से भेंट, कार्यकाल समाप्ति से पहले चर्चा
RBI's monetary policy statement

घरेलू बचत के वैकल्पिक निवेश विकल्पों की ओर बढ़ने से चिंतित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने गुरुवार को बैंकों से कहा कि वे अपने विशाल शाखा नेटवर्क का लाभ उठाकर नवोन्मेषी उत्पादों तथा सेवाओं के जरिये जमा जुटाएं।

उन्होंने कहा, ‘‘ बैंक बढ़ती ऋण मांग को पूरा करने के लिए अल्पकालिक गैर-खुदरा जमा और देयता के अन्य साधनों का अधिक सहारा ले रहे हैं। जैसा कि मैंने जोर दिया है, इससे बैंकिंग प्रणाली में संरचनात्मक नकदी संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।’’

दास ने कहा कि वैकल्पिक निवेश के रास्ते खुदरा ग्राहकों के लिए अधिक आकर्षक होते जा रहे हैं। इसके चलते बैंकों को वित्तपोषण के मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि जमा वृद्धि कर्ज मे बढ़ोतरी से पीछे है।

उन्होंने कहा, ‘‘ बैंकों को नवोन्मेषी उत्पादों तथा सेवाओं की पेशकश के जरिये तथा अपने विशाल शाखा नेटवर्क का पूर्ण लाभ उठाकर घरेलू वित्तीय बचत को जुटाने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।’’ दास ने पुराने गृह ऋण पर अतिरिक्त कर्ज (टॉप-अप होम लोन) लेने की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी चिंता व्यक्त की।

गवर्नर ने कहा कि इस संबंध में ऋण से मूल्य (एलटीवी) अनुपात, जोखिम भार और धन के अंतिम उपयोग की निगरानी से संबंधित नियामकीय निर्देशों का कुछ इकाइयों द्वारा कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी स्वर्ण ऋण जैसे अन्य गारंटी वाले कर्जों मसलन गोल्ड लोन पर ‘टॉप-अप’ ऋण की पेशकश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे व्यवहार से ऋण राशि का इस्तेमाल अनुत्पादक क्षेत्रों में या सट्टेबाजी के लिए किया जा सकता है। इसलिए बैंकों और एनबीएफसी को ऐसी प्रथाओं की समीक्षा करने और सुधारात्मक कार्रवाई करने की सलाह दी जाती है।’’

दास ने बढ़ते व्यक्तिगत ऋण के मुद्दे पर भी चिंता जाहिर की और बैंकों से इस क्षेत्र में ऋण वृद्धि पर सावधानीपूर्वक नजर रखने का आग्रह किया। यह पाया गया है कि जिन क्षेत्रों में पिछले साल नवंबर में रिजर्व बैंक द्वारा नियामकीय कदम उठाए गए हैं, उनमें ऋण वृद्धि में नरमी आई है। हालांकि, दास ने कहा कि व्यक्तिगत ऋण के कुछ क्षेत्रों में उच्च वृद्धि जारी है। दास ने कहा कि सटीक ऋण सूचना की उपलब्धता ऋणदाताओं तथा उधारकर्ताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा ऋण सूचना कंपनियों (सीआईसी) की रिपोर्ट हर पखवाड़े देने का प्रस्ताव है। गवर्नर दास ने कहा कि वर्तमान में ऋणदाताओं को मासिक आधार पर या ऋणदाताओं तथा क्रेडिट ब्यूरो के बीच सहमति से तय छोटे अंतराल पर सीआईसी को ऋण संबंधी जानकारी देनी होती है।

First Published - August 8, 2024 | 1:38 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट