गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार की योजना ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा’ पर वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 के दौरान 5 साल में 13,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस योजना में 18 परंपरागत व्यवसायों जैसे बढ़ई का काम, नाव बनाने, लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं।
एक बयान में कहा गया है, ‘इस योजना का मकसद गुरु-शिष्य परंपरा या विभिन्न परिवारों द्वारा परंपरागत रूप से किए जाने वाले कौशल के कार्यों को विकसित करना और लोगों को हस्तशिल्प और कौशल को एक हाथ से दूसरे हाथ हस्तांतरित करना है। इस योजना से गुणवत्ता सुधरेगी। साथ ही हस्तशिल्पियों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी। विश्वकर्मा घरेलू व वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जुड़ सकेंगे।’
इस योजना के तहत 2 प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला ‘बेसिक’ और दूसरा ‘एडवांस’ होगा। कोर्स करने वाले लाभार्थियों को 500 रुपये प्रतिदिन मानदेय मिलेगा, साथ ही उन्हें आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए15,000 रुपये मिलेंगे।
काम शुरू करने के लिए पूंजी मुहैया कराने हेतु योजना के तहत प्रथम चरण में 1 लाख रुपये और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक कर्ज दिया जाएगा, जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम 5 प्रतिशत) देय होगा। यह ऋण कौशल में सुधार, उपकरण खरीदने, डिजिटल लेनदेन और माल की बिक्री में सहयोग देने के लिए होगा। मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए रेल एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बाजार समर्थन योनजा के तहत गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ऑनलाइन मार्केट एक्सेस और एक जिला एक उत्पाद से जोड़ने की कवायद की जाएगी।साथ ही 1200 डिजिटल लेन देन तक स्वनिधि कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन दिया जाएगा।
हस्तशिल्पियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र व पहचान पत्र के माध्यम से पहचान भी मिलेगी।
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना की घोषणा की थी और कहा था कि परंपरागत हस्तशिल्पियों और कामगारों के लिए विशेष योजना लाई जाएगी, जिससे खासकर अन्य पिछड़े वर्ग को लाभ मिल सकेगा। मोदी ने कहा था कि इसे आगामी 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर शुरू किया जाएगा।