प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना के दौरे पर रवाना हुए। प्रधानमंत्री की यात्रा में नाइजीरिया और गुयाना के साथ कच्चे तेल के बड़े स्तर पर कारोबार और ऊर्जा समझौते को मजबूती प्रदान करना एजेंडे में शामिल होगा। दोनों ही देश अपना तेल उत्पादन तेजी से बढ़ा रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
अफ्रीका में सबसे बड़े तेल उत्पादक नाइजीरिया ने पिछले साल से पेट्रोलियम सेक्टर के कुप्रबंधन को खत्म किया है, जो भ्रष्टाचार का एक दस्तावेजी इतिहास है। आंकड़ों के मुताबिक, क्षमता के हिसाब से विश्व की सातवीं सबसे बड़ी डंगोटे रिफाइनरी 2023 में कच्चे तेल का उत्पादन शुरू होने के बाद अब नाइजीरिया में 18 लाख बैरल प्रतिदिन तेल का उत्पादन हो रहा है। डंगोटे रिफाइनरी अफ्रीका के सबसे अमीर व्यक्ति अलिको डंगोटे की है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया, ‘प्रधानमंत्री के दौरे में सभी पक्षों से उनके ऊर्जा क्षेत्र में बेहतर तालमेल को लेकर बातचीत होगी। भारत तेल के लिए कई विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाना चाहता है। साथ ही भारत, पिछले 2 साल में कई बार नाइजीरियाई कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।’
वहीं दूसरी तरफ नाइजीरिया भारत के कच्चे तेल का आठवां बड़ा स्रोत रहा है, जहां से वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल से अगस्त के दौरान 153 अरब डॉलर का आयात हुआ है। वित्त वर्ष 2024 में नाइजीरिया सातवें स्थान पर था और वहां से 3.4 अरब डॉलर के कच्चे तेल का आयात भारत ने किया था।
नाइजीरिया ने 2024 में जुलाई तक हर महीने रोजाना करीब 8 लाख बैरल तेल का निर्यात किया। लेकिन अगले कुछ वर्षों में नाइजीरिया द्वारा निर्यात बढ़ाए जाने की संभावना है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘नाइजीरिया से कच्चे तेल के आयात ने पिछले 2 साल के दौरान भारत की तेल कंपनियों को मांग संतुलित करने और आपूर्ति की बेहतर योजना बनाने में मदद की है। इस दौरान जहां रूस के तेल पर भारी छूट के कारण औसतन आयात मूल्य कम हुआ है, आपूर्ति में उतार चढ़ाव के कारण बेहतर योजना बनाना अनिवार्य हो गया है।’
नाइजीरिया भी जल्द ही रिफाइंड पेट्रोलियम का निर्यात शुरू करने की राह पर है। डंगोटे रिफाइनरी के निर्माण में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (पीएमसी) की सेवा मुहैया कराने वाली इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के एक अधिकारी ने कहा कि डंगोटे रिफाइनरी में सितंबर से उत्पादन शुरू हो गया और जल्द ही वह निर्यात शुरू कर सकती है।
इसके अलावा नाइजीरिया में भारत की कंपनियों ने 27अरब डॉलर निवेश किया है। वहीं एयरटेल नाइजीरिया, बजाज ऑटो, डाबर इंटरनैशनल, न्यू इंडिया एश्योरेंस, गोदरेज अफ्रीका सहित 200 से ज्यादा भारतीय कंपनियां नाइजीरिया में मौजूद हैं।
व्यापक संभावनाएं
जी-20 के नेताओं की 2 दिन की सालाना बैठक में ब्राजील जाने के पहले प्रधानमंत्री मोदी 16 और 17 नवंबर को नाइजीरिया में रहेंगे। यह पिछले 17 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली नाइजीरिया यात्रा है। उसके बाद 19 से 21 नवंबर को प्रधानमंत्री गुयाना की यात्रा पर जाएंगे। यह 1996 के बाद भारत के प्रधानमंत्री का पहला गुयाना दौरा होगा।
विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता व आयातक भारत अपने तेल आयात के स्रोतों का विविधीकरण करने की कवायद कर रहा है। विश्व में सबसे तेज तेल उत्पादक के रूप में उभर रहा गुयाना भी उसके एजेंडे में शामिल है। दक्षिण अमेरिकी देश की 8 लाख से भी कम आबादी है, जहां 11.2 अरब बैरल तेल का भंडार है, जो विश्व के कुल खोजे गए तेल और गैस का 18 प्रतिशत और खोजे गए तेल का 32 प्रतिशत है।
गुयाना में दिसंबर 2019 में उत्पादन शुरू हुआ जबकि 2021-22 में भारत को केवल 14.8 करोड़ डॉलर का गुयाना का तेल मिला है। सरकारी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम की विदेश इकाई ओएनजीसी विदेश, पिछले साल गुयाना में बोली के लिए रखे गए 14 अन्वेषण ब्लॉकों में कुछ के लिए बोली लगाने पर विचार कर रही थी, लेकिन अभी तक बोली हासिल करने को लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई है।
मई तक गुयाना करीब 6,45,000 बैरल रोजाना कच्चे तेल और गैस समतुल्य का उत्पादन कर रहा था। इस साल की शुरुआत में जनवरी में मंत्रिमंडल ने गुयाना के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जो कच्चे तेल की खरीद सहित हाइड्रोकॉर्बन सेक्टर में सहयोग के लिए है।