Laptop Import in India: सरकार ने लैपटॉप और आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात के लिए आज मानव हस्तक्षेप रहित नई आयात मंजूरी व्यवस्था की शुरुआत की। इसके साथ ही सरकार ने वादा किया कि आयात अनुरोध पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। यह आयात लाइसेंस शुरू करने के पिछले फैसले से नरम रुख है।
आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार आयात परमिट ऑनलाइन एंड-टू-एंड प्रारूप में जारी किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में 10 मिनट से भी कम समय लगेगा। आयातकों को कई आयात की मंजूरी के लिए आवेदन करने की अनुमति होगी, जिसके बाद वे कस्टम क्लियरेंस प्राप्त कर सकेंगे।
आयात मंजूरी या ऑथराइजेशन सितंबर 2024 तक के लिए वैध होगी। इसकी वैधता खत्म होने के बाद सरकार आंकड़ों का अध्ययन करेगी, हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखेगी और इस पर विचार करेगी कि आगे क्या कदम उठाए जाएं। आयात मंजूरी की नई व्यवस्था 1 नवंबर से लागू होगी।
विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि ‘अस्वीकृत इकाइयों की सूची’ वाली कंपनियों को छोड़कर सरकार किसी भी आयात अनुरोध को खारिज नहीं करेगी। इस तरह की सूची में उन कंपनियों को रखा जाता है जो अग्रिम ऑथराइजेशन और पूंजीगत वस्तुओं के निर्यात संवर्धन (ईपीसीजी) जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर निर्यात में चूक करती हैं या शर्तों को पूरा नहीं करती हैं। इसके साथ राजस्व आसूचना महानिदेशालय में जिनके खिलाफ मामला हो, उन फर्मों को भी इस सूची में डाला जाता है। सारंगी ने कहा कि ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई है लेकिन यह आईटी हार्डवेयर उत्पाद अब भी अंकुश की श्रेणी के अंतर्गत हैं और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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नई मंजूरी व्यवस्था का उद्देश्य मुख्य रूप से इन उत्पादों के आयात (Laptop Import) की निगरानी करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विश्वसनीय जगहों से आ रहे हैं। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी। उन्होंने कहा कि आयात पर अंकुश को लेकर हितधारकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं और आयातकों के लिए ‘एंड-टू-एंड’ ऑनलाइन प्रणाली शुरू की गई है। 3 अगस्त को केंद्र सरकार ने आईटी हार्डवेयर से संबंधित कई उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाने की योजना की घोषणा की थी।
आईटी सचिव एस कृष्णन ने कहा कि नई प्रणाली की शुरुआत उद्योग जगत के साथ गहन चर्चा के बाद की गई। इसके पीछे मूल विचार इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की है। देश में ऐसी वस्तुओं की कमी नहीं है और उत्पादन बढ़ाने से उत्पादों की कीमत कम करने में मदद मिलेगी।
सारंगी ने कहा, ‘आईटी मंत्रालय डीजीएफटी ने व्यापार जगत से कई दौर की चर्चा की और उनकी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए नीतियों में कुछ परिवर्तन किया गया है। एक सिरे से दूसरे सिरे तक वाली नई ऑनलाइन व्यवस्था से यह सुनिश्चित होगा कि पूरी व्यवस्था ऑनलाइन हो, इसमें किसी मानव का प्रत्यक्ष हस्तक्षेप न होगा यानी यह फेसलेस होगी, संपर्क रहित होगी और आयातकों को विस्तृत ब्योरा देने में कोई दिक्कत नहीं होगी।’
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