जून 2023 में समाप्त हुई तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की घोषित नई निवेश परियोजनाओं में गिरावट आई। परियोजनाओं की निगरानी करने वाले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के आंकड़ों के अनुसार मार्च तिमाही के साथ एक साल पहले की अवधि की तुलना में भी जून की नई परियोजनाओं का मूल्य कम था।
जून में विनिर्माण क्षेत्र में करीब 85,000 करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं की घोषणा की गई थी। मार्च में करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा हुई थी। लिहाजा मार्च की तुलना में जून में 48 फीसदी कम नई परियोजनाओं की घोषणा हुई।
इसी तरह जून 2022 में 2.5 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा हुई थी और बीते साल की तुलना में इस जून में 66 फीसदी कम परियोजनाओं की घोषणा हुई। दिसंबर 2020 की तिमाही के बाद जून में सबसे कम मूल्य की विनिर्माण परियोजनाओं की घोषणा हुई।
हालांकि जून में कोविड से पहले की तुलना में कम गिरावट हुई। दरअसल जून 2019 में 0.4 लाख करोड़ रुपये और जून 2018 में 0.9 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा हुई थी।
नई परियोजनाओं की घोषणा में 2020 के बाद महत्त्वपूर्ण रूप से इजाफा हुआ। इस क्रम में जून 2021 में 3.2 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं की घोषणा हुई। बीती चार तिमाहियों में नई परियोजनाओं की संख्या में निरंतर इजाफा हुआ है।
नई परियोजनाओं की घोषणा में चुनिंदा क्षेत्रों ने प्रमुख भूमिका निभाई। रसायन और रसायन उत्पादन क्षेत्र में नई परियोजनाओं की अधिक घोषणाएं हुईं। इस क्षेत्र में 0.5 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं घोषित हुईं।
लिहाजा घोषित नई परियोजनाओं की आधी से अधिक परियोजनाएं इस क्षेत्र में घोषित हुईं। हालांकि मशीनरी, यातायात उपकरणों के साथ साथ धातु व धातु उत्पादन क्षेत्रों में भी गतिविधियां हुईं।