भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के मौके पर सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (मोस्पी) से अपील की कि राष्ट्रीय आमदनी से संबंधित सभी विवादों को खत्म करना चाहिए। उन्हें इस अवसर पर पहले पीसी महालनोबिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएसई) को सरकार को वैधानिक दर्जा देना चाहिए।
14वें सांख्यिकी दिवस पर आयोजित वेबिनार में बोलते हुए रंगराजन ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि हाल के दिनों में डेटा और सांख्यिकी को लेकर उठे विवाद का संतोषजनक अंत होगा।’
यह पूछे जाने पर कि वे किस तरह के विवाद की बात कर रहे हैं, तो उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि वह राष्ट्रीय आयक के अनुमान का हवाला दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘बड़ा विवाद है और मैं सांख्यिकी दिवस पर लोगों को याद दिलाना चाहता हूं कि इस तरह के आयोजनों का मकसद सांख्यिकी व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। यही वजह है कि मैंने चल रहे विवादों का संतोषजनक अंत शब्द का इस्तेमाल किया। यह सांख्यिकी विभाग का काम है कि वह सभी संदेहों को लेकर स्थिति साफ करे।’
मोस्पी जब पहले के 2004-05 आधार वर्ष के बाद 2011-12 आधार वर्ष के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की गणना के नए तरीके लेकर आया तब भी आधिकारिक सांख्यिकी की आलोचना हुई थी। यहां तक कि हाल में जारी चौथी तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों और 2019-20 के संपूर्ण आंकड़ों की गुणवत्ता को लेकर अर्थशास्त्रियों ने संदेह जताया था।
रंगराजन ने कहा, ‘एनएसई को वैधानिक पहचान यथासंभव जल्द से जल्द दी जानी चाहिए।’ सांख्यिकी व्यवस्था और डेटा की गुणवत्ता की समीक्षा करने के लिए रंगराजन की अध्यक्षता में बनी समिति ने यह सिफारिश की थी।
सांख्यिकी व्यवस्था में सुधार के लिए कर्ज
भारत के मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व बैंक ने डेटा की गुणवत्ता और देश की सांख्यिकी व्यवस्था में सुधार के लिए कर्ज को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि मोस्पी जनरलाइज्ड सर्वे सॉल्यूशन तैयार कर रहा है, जिसे ईसिग्मा नाम दिया जाएगा। इससे मोबाइल उपकरण के माध्यम से आंकड़े जुटाने में मदद मिलेगी। यह टेलीफोन से साक्षात्कारों और वेब आधारित इंटरफेस के पूरक का काम करेगा। उन्होंने कहा कि नैशनल इन्फॉर्मेटिक्स पोर्टल जल्द ही शुरू किया जाएगा। बीएस